हिसार : विद्यार्थियों व उद्योगों की मांग के अनुरूप डिजाइन किए गए नए कोर्स : प्रो. नरसी राम बिश्नोई
गुजविप्रौवि में दूरस्थ व ऑनलाइन शिक्षा में दाखिलों की आवेदन प्रक्रिया शुरुविश्वविद्यालय के कोर्स रोजगारपरक, प्रदेश भर में शिक्षा केन्द्र खोल रहा विश्वविद्यालयहिसार, 2 जुलाई (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में नए शैक्षणि
पत्रकार वार्ता को संबोधित करते कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई।


गुजविप्रौवि में दूरस्थ व ऑनलाइन शिक्षा में दाखिलों की आवेदन प्रक्रिया शुरुविश्वविद्यालय के कोर्स रोजगारपरक, प्रदेश भर में शिक्षा केन्द्र खोल रहा विश्वविद्यालयहिसार, 2 जुलाई (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में नए शैक्षणिक सत्र को लेकर इस वर्ष काफी उत्साह है। विश्वविद्यालय ने नियमित तथा दूरस्थ शिक्षा के माध्यम के कोर्सों में वृद्धि की है। पुराने कोर्सों के साथ-साथ नए कोर्स भी विद्यार्थियों की मांग के अनुरूप और रोजगारपरक हैं। विश्वविद्यालय में दूरस्थ एवं ऑनलाइन शिक्षा केंद्र (सीडीओई) के माध्यम दाखिला प्रक्रिया आरंभ हो गई है। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने बुधवार काे नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में विश्वविद्यालय के कुलपति कार्यालय के कमेटी हॉल में पत्रकार वार्ता की। पत्रकार वार्ता में उन्होंने नए कोर्सों तथा अन्य संबंधित जानकारियों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि 2023-24 में विश्वविद्यालय के सीडीओई की आय 9.04 करोड़ थी, जो कि 2024-25 में बढ़कर 10.73 करोड़ रूपये हो गई है। नए शैक्षणिक सत्र में विद्यार्थियों की संख्या में भारी बढ़ोतरी होने का अनुमान है, क्योंकि विश्वविद्यालय के अध्ययन केन्द्र अब पूरे प्रदेश में होंगे। विश्वविद्यालय ने 15 अध्ययन केन्द्रों की स्थापना कर दी है जबकि कुछ और अध्ययन केन्द्र स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है, जिसे जल्द ही पूरा कर दिया जाएगा। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने पत्रकार वार्ता में बताया कि विश्वविद्यालय के सीडीओई के कोर्स अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहे हैं। पिछले दो वर्षों में 96 अफगान विद्यार्थियों ने भी विदेश मंत्रालय द्वारा लॉन्च की गई (e-VBAB) नेटवर्क परियोजना के तहत दाखिला लिया। सीडीआई के तहत वर्ष 2021 में केवल 09 ओडीएल कार्यक्रम थे और अब 11 ओडीएल कार्यक्रम हैं। वर्ष 2021 में केवल 02 ऑनलाइन कार्यक्रम थे जिनकी संख्या अब 08 हो गई है। वर्ष 2021 में एक भी एक-वर्षीय डिप्लोमा कार्यक्रम नहीं था और अब 14 डिप्लोमा कार्यक्रम हैं। वर्ष 2023 में 17 लघु अवधि कार्यक्रम थे और अब 32 लघु अवधि कार्यक्रम हैं। वर्ष 2021 में 02 एमओयू थे, जो कि अब 04 हो गए हैं। वर्ष 2021 में मार्केटिंग चैनल पार्टनर एक भी नहीं था, अब 15 मार्केटिंग चैनल पार्टनर हैं। इस वर्ष हरियाणा के सभी जिला मुख्यालयों में शिक्षा केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने बताया कि विश्वविद्यालय के 95 नियमित कोर्सों में लगभग 13 हजार आवेदन आए हैं जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। बीए-बीएड व बीएससी-बीएड कोर्सों में भी दाखिला प्रक्रिया शुरू हो गई है। इन कोर्सों में दाखिले के लिए प्रथम काउंसलिंग 18 जुलाई को है। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि विश्वविद्यालय के प्रति विदेशी विद्यार्थियों का रूझान बढ़ा है। विदेशी विद्यार्थियों के लगभग 100 आवेदन विश्वविद्यालय को प्राप्त हो चुके हैं। इनमें अफगानिस्तान, इथोपिया, नेपाल व श्रीलंका आदि के विद्यार्थी शामिल हैं। विश्वविद्यालय में पहली बार अंतरराष्ट्रीय प्लेसमेंट हुई हैं। 20 से अधिक पेटेंट प्रकाशित हुए हैं। विश्वविद्यालय का स्कोपस पब्लिकेशन 55 हजार तक पहुंच चुका है, जबकि साइटेशन 135000 हो चुका है। विश्वविद्यालय का एच-इंडेक्स 134 है, जो हरियाणा में सर्वाधिक है। विश्वविद्यालय का पब्लिक प्रसप्शन भी तेजी से बढ़ा है। पेरामेडिकल कोर्सिज के दाखिले भी विश्वविद्यालय इस वर्ष करेगा। विश्वविद्यालय के कोर्सों से विद्यार्थियों के लिए नौकरियों व स्वयं रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इस अवसर पर तकनीकी सलाहकार प्रो. विनोद छोकर, तकनीकी सलाहकार प्रो. संदीप राणा, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. योगेश चाबा व सीडीओई के निदेशक प्रो. खुजान सिंह उपस्थित रहे।शॉर्ट-टर्म ऑनलाइन जॉब-ओरिएंटेड सर्टिफिकेट कोर्सेज

हरियाणा नॉलेज कॉपोर्रेशन लिमिटेड के सहयोग से 32 शॉर्ट-टर्म ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स प्रदान किए गए हैं। इन्हें गुजविप्रौवि हिसार द्वारा वैल्यू-एडेड और स्किल एन्हांसमेंट कोर्सेज के रूप में मान्यता प्राप्त है, जो ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण और इंटर्नशिप के लिए आदर्श हैं, जिनमें आईटी एप्लीकेशन (जैसे प्रोग्रामिंग, ग्राफिक और वेब डिजाइनिंग), कम्युनिकेशन और सॉफ्ट स्किल्स, फाइनेंशियल अकाउंटिंग, बैंकिंग, रिटेल मैनेजमेंट, डिजिटल फ्रीलांसिंग और सोशल मीडिया मार्केटिंग जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर