फरीदाबाद : महिला ने मेडिक्लेम के लिए किया फर्जीवाड़ा, एफआईआर दर्ज
फरीदाबाद, 2 जुलाई (हि.स.)। सेक्टर-17 थाना क्षेत्र स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज कराने पहुंची गर्भवति महिला और उसके स्वजनों ने मेडिक्लेम राशि का लाभ उठाने के लिए अस्पताल कर्मचारियों के साथ मिलकर एडमिट फार्म में बच्चे के माता-पिता के नाम बदल दिए। जब अ
फरीदाबाद : महिला ने मेडिक्लेम के लिए किया फर्जीवाड़ा, एफआईआर दर्ज


फरीदाबाद, 2 जुलाई (हि.स.)। सेक्टर-17 थाना क्षेत्र स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज कराने पहुंची गर्भवति महिला और उसके स्वजनों ने मेडिक्लेम राशि का लाभ उठाने के लिए अस्पताल कर्मचारियों के साथ मिलकर एडमिट फार्म में बच्चे के माता-पिता के नाम बदल दिए। जब असली पिता को इस हेरफेर की जानकारी हुई तो उसने न सिर्फ मेडिक्लेम क्लेम लेने से इंकार कर दिया, बल्कि महिला और उसके स्वजनों के खिलाफ पुलिस में धोखाधड़ी की शिकायत भी दर्ज कराई। फिलहाल, पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। गुरुग्राम के वार्ड-5 फ्रेंड्स कॉलोनी निवासी योगेश चौधरी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनकी शादी वर्ष 2024 में फरीदाबाद के वार्ड-8 निवासी तेजपाल की बेटी बरखा के साथ हुई थी। शादी के बाद कुछ समय तक दोनों का दांपत्य जीवन सही चलता रहा। मगर गर्भवती होने के बाद जनवरी 2025 में बरखा अपने मायके चली गई और फिर ससुराल लौटकर नहीं आई। योगेश ने बताया कि उन्होंने बरखा को कई बार समझा-बुझाकर वापस बुलाने की कोशिश की, मगर वह तैयार नहीं हुई। योगेश ने आगे बताया कि 24 अप्रैल को बरखा के पिता तेजपाल ने उन्हें सूचना दी कि बरखा को प्रसव के लिए सेक्टर-16ए स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जैसे ही यह खबर मिली, योगेश अपने स्वजनों के साथ तुरंत अस्पताल पहुंचे। जब उन्होंने बरखा से मिलने की कोशिश की तो देखा कि वार्ड में पहले से ही उसकी बहन ज्योति और एक अन्य महिला रितु मौजूद थीं। बाद में डॉक्टरों ने प्रसव पीड़ा बढऩे पर बरखा को डिलीवरी रूम में शिफ्ट कर दिया। डिलीवरी के बाद जब योगेश ने अस्पताल के मेडिकल फॉर्म में बच्चे के माता-पिता का नाम देखा तो उनके होश उड़ गए। एडमिट फार्म में पिता के नाम की जगह कमल और माता के नाम की जगह ज्योति लिखा गया था। योगेश ने जब इसकी जानकारी जुटाई तो पता चला कि मेडिक्लेम का लाभ लेने के लिए ही यह हेरफेर किया गया था। इस पूरे मामले को लेकर जब योगेश ने स्वजनों से सवाल किया तो उन्होंने इस हेरफेर को कबूल कर लिया कि ज्योति के नाम पर मेडिक्लेम क्लेम करने के लिए ऐसा किया गया। योगेश ने इसके बाद मेडिक्लेम के जरिए बिल भुगतान कराने से साफ इंकार कर दिया और अस्पताल का पूरा भुगतान नकद में किया। सेक्टर-17 थाना प्रभारी कुलदीप सिंह ने बताया कि योगेश की शिकायत पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अब यह पता लगा रही है कि इस पूरे प्रकरण में अस्पताल के किसी कर्मचारी या डॉक्टर की कोई भूमिका थी या नहीं। थाना प्रभारी ने भरोसा दिलाया कि जांच पूरी होने के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार / -मनोज तोमर