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सोनीपत, 2 जुलाई (हि.स.)। जैविक कीट नियंत्रण और फसलों को रोगों से बचाने
के उद्देश्य से भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अधीन क्षेत्रीय एकीकृत
नाशी जीव प्रबंधन केन्द्र (आईपीएम), फरीदाबाद की टीम ने बुधवार को सोनीपत का दौरा किया। यहां
किसानों को पारंपरिक कीटनाशकों की जगह आधुनिक, यांत्रिक और जैविक उपायों से कीट प्रबंधन
की जानकारी देने के लिए की गई।
टीम ने पबसरा सहित विभिन्न गांवों में जाकर मक्का, गन्ना,
कपास और धान जैसी फसलों का खेतों में निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान वैज्ञानिकों
ने किसानों से संवाद करते हुए कीटों की वर्तमान स्थिति, रोगों के लक्षण और संभावित
प्रभाव पर चर्चा की। टीम में जिला कृषि विभाग, सोनीपत के अधिकारी भी मौजूद रहे।
क्षेत्रीय हेड एवं उपनिदेशक डॉ. वंदना पांडेय और खंड राई से
डॉ. अमरजीत मलिक ने किसानों को बायो पेस्टीसाइड (जैविक कीटनाशक) और यांत्रिक उपायों
जैसे फेरोमोन ट्रैप लगाने की सलाह दी। वैज्ञानिकों ने बताया कि शुरुआती अवस्था में
4 फेरोमोन ट्रैप लगाने से कीटों की निगरानी और समय पर नियंत्रण संभव है। इसके साथ ही किसानों को एनपीएसएस मोबाइल ऐप के उपयोग की जानकारी
दी गई, जिससे वे अपने खेतों में कीटों और बीमारियों की पहचान कर सकें और अनावश्यक रसायनों
के उपयोग से बचें। यह ऐप किसानों के लिए एक डिजिटल मार्गदर्शक के रूप में कार्य करेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र शर्मा परवाना