महिला आयोग की 'चुप्पी' पर भाजयुमो का विरोध प्रदर्शन, लालटेन लेकर की प्रतीकात्मक खोज
कोलकाता, 02 जुलाई (हि.स.)। कसबा सामूहिक बलात्कार मामले में पश्चिम बंगाल महिला आयोग की ''चुप्पी और निष्क्रियता'' के विरोध में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) ने बुधवार को आयोग के साल्ट लेक स्थित कार्यालय के बाहर अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर
भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो)


कोलकाता, 02 जुलाई (हि.स.)। कसबा सामूहिक बलात्कार मामले में पश्चिम बंगाल महिला आयोग की 'चुप्पी और निष्क्रियता' के विरोध में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) ने बुधवार को आयोग के साल्ट लेक स्थित कार्यालय के बाहर अनोखा विरोध प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारियों ने हाथ में लालटेन लेकर आयोग की अध्यक्ष लीना गांगुली की प्रतीकात्मक खोज की। उन्होंने आरोप लगाया कि इतने गंभीर अपराध के बाद भी महिला आयोग पूरी तरह से 'लापता' रहा और पीड़िता के पक्ष में कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी गई।

एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष को ढूंढ रहे हैं क्योंकि इतनी भयावह घटना के बाद भी उनसे कोई प्रतिक्रिया नहीं आई और न ही उनका कहीं कोई अता-पता है।

विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिक्रिया देते हुए महिला आयोग की अध्यक्ष लीना गांगुली ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और उन्हें राजनीतिक प्रेरित बताया। उन्होंने कहा, मुझे समझ में नहीं आता कि इसे देर से प्रतिक्रिया क्यों कहा जा रहा है। जैसे ही मामला सामने आया, हमने स्वयं संज्ञान लिया।

गांगुली ने बताया कि घटना सामने आने के दिन ही आयोग की ओर से पीड़िता और उसके परिवार से संपर्क करने की कोशिश की गई थी, लेकिन उस समय वे मेडिकल जांच और परीक्षाओं में व्यस्त थे। उन्होंने कहा कि हमने पीड़िता के पिता को कॉल किया और संदेश भी भेजा, लेकिन उस समय वे चिकित्सा प्रक्रिया में व्यस्त थे।

उन्होंने यह भी बताया कि आयोग शुरू से ही पुलिस के संपर्क में था और राज्य के पुलिस महानिदेशक समेत वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की गई। डिप्टी कमिश्नर ने भी हमसे कई बार फॉलो-अप लिया।

गांगुली ने बताया कि आयोग की एक टीम, जिसमें वह स्वयं, एक कानूनी सलाहकार, एक काउंसलर और अन्य सदस्य शामिल थे, पीड़िता के घर गई थी ताकि उसे भावनात्मक समर्थन दिया जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि मामला संवेदनशीलता से निपटाया जाए। उन्होंने कहा, हम चाहते थे कि पीड़िता पहले ट्रॉमा काउंसलिंग ले, उसके बाद ही वह खुलकर बात कर सके।

उन्होंने आगे बताया कि आयोग ने पीड़िता की सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य सहायता और कॉलेज में वापसी को लेकर भी आवश्यक सिफारिशें की हैं।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर