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जयपुर, 16 जुलाई (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान शहर की निचली अदालतों में नियुक्त हुए सरकारी वकीलों को हटाने पर अंतरिम रोक लगा दी है। इसके साथ ही अदालत ने इन्हें कार्य करते रहने देने की अनुमति दी है। इसके साथ ही अदालत ने मामले में मुख्य सचिव, प्रमुख विधि सचिव, एसीएस गृह और जयपुर कलेक्टर सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जस्टिस अनिल उपमन की एकलपीठ ने यह आदेश साजिया खान व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता रिपुदमन सिंह नरूका ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता पूर्व में शहर की निचली अदालतों में सरकारी वकील के तौर पर नियुक्त हुए थे। याचिकाकर्ताओं के कार्यकाल को 5 अगस्त, 2024 को नए वकीलों की नियुक्ति नहीं होने के आधार पर बढाया गया था। वहीं गत 3 जुलाई को उन्हें इस पद से रिलीव कर दिया गया और उनके पद का कार्यभार दूसरे सरकारी वकीलों को दे दिया। याचिका में कहा गया कि पांच अगस्त के आदेश के बाद से अब तक परिस्थितियों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। याचिकाकर्ताओं के स्थान पर नई नियुक्ति नहीं की गई और दूसरे सरकारी वकीलों को ही अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने उन्हें राजनीतिक कारणों के चलते मनमानी से रिलीव किया है। ऐसे में रिलीव आदेश को रद्द किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने रिलीव आदेशों की क्रियान्विति पर अंतरिम रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक