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--कोर्ट ने कहा कल्पना पर आधारित है जनहित याचिका
प्रयागराज, 16 जुलाई (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका खारिज कर दी।
कोर्ट ने कहा कि याचिका में किए गए दावे अवधारणाओं पर आधारित हैं । ऐसा कुछ भी लिखित आदेश नहीं है। 20 मार्च, 2025 के एक पत्र में मुख्य अभियंता ने केवल यह संकेत दिया था कि उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड की तकनीकी मूल्यांकन समिति ने दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में निजीकरण के लिए बोली दाताओं की ओर से प्रस्तुत तकनीकी बोलियों का मूल्यांकन किया है।
इन तथ्यों के आधार पर कोर्ट ने याचिका पर विचार करने का कोई औचित्य नहीं पाया। कोर्ट ने समय पर याची को कानून के अनुसार उचित कार्यवाही करने की स्वतंत्रता दी गई है।
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ ने विजय प्रताप सिंह जनहित याचिका पर दिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे