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पलामू, 16 जुलाई (हि.स.)। पलामू में इन दिनों भारी बारिश के बाद उत्पन्न जलजमाव की स्थिति ने बुधवार को नगर निगम क्षेत्र की तथाकथित विकास योजनाओं की सच्चाई को उजागर कर दिया है।
जलजमाव का आलम यह है कि खुद पलामू सांसद वीडी राम का आवास भी पानी में डूब गया है। यही नहीं, चैनपुर, रेड़मा, समदा अहरा, झरना टोला और भगवती अस्पताल के पास स्थित कई घरों में घुटनों से ऊपर पानी भर गया है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता रूचिर तिवारी ने इसे विकास का झूठा फल बताते हुए पूर्व मेयर, विधायक और सांसद पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि निगम क्षेत्र में जल निकासी की कोई योजना कभी बनी ही नहीं। केवल तालाबों का गहरीकरण और सौंदर्यीकरण कर दिखावटी काम किए गए, लेकिन बरसात के पानी के निकासी को लेकर न तो कोई योजना बनाई गई और न ही कोई काम हुआ।
भाकपा नेता रूचिर तिवारी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ठेकेदारों से मिलकर जनप्रतिनिधियों ने विकास के नाम पर खुली लूट मचाई। उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े नालों और प्राकृतिक जल निकासी मार्गों को अतिक्रमण कर पक्के मकान बना दिए गए। नगर निगम की मिलीभगत से गुरुसूती, टेड़वा जैसी नदियों और पनेरी बांध के तालाबों तक को कब्जा लिया गया। भाजपा नेत्री सह पूर्व मेयर अरुणा शंकर पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने बड़ा तालाब की जमीन पर अतिक्रमण कर पानी निकासी का रास्ता बंद करने की कोशिश की, जिसे मछुआरों के आंदोलन के बाद रोका गया। इसी प्रकार चैनपुर में तालाबों को पाट दिया गया और उनके स्थान पर निर्माण कार्य कर दिया गया। उन्होंने कहा कि आज स्थिति यह है कि नगर निगम क्षेत्र का बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया है और आम नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि जल्द ही जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं की गई, तो यह स्थिति और भयावह हो सकती है। अब समय आ गया है कि सरकार, प्रशासन और सभी राजनीतिक दल इस गंभीर मुद्दे को गंभीरता से लें, अवैध अतिक्रमण हटाएं और जल निकासी की समुचित योजना बनाकर उसे ईमानदारी से लागू करें, ताकि भविष्य में शहर को ऐसी त्रासदी से बचाया जा सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप कुमार