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रांची,16 जुलाई (हि.स.)। योग शिक्षिका राफिया नाज पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में आरोपित स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को अदालत से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उनकी सशरीर उपस्थिति से छूट की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। यह आदेश सिविल कोर्ट रांची के एमपी-एमएलए मामलों के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी सार्थक शर्मा की अदालत ने बुधवार को सुनाया।
मंत्री इरफान अंसारी की ओर से 23 मई को यह याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर पांच जुलाई को दोनों पक्षों की अंतिम दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया गया था। अब उन्हें कोर्ट में सशरीर उपस्थित होना होगा। शिकायतकर्ता राफिया नाज के अधिवक्ता जितेंद्र कुमार वर्मा ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मंत्री का मुख्यालय राजधानी रांची में है, जो अदालत से बेहद निकट है, ऐसे में उपस्थिति से छूट की कोई आवश्यकता नहीं बनती। वहीं, बचाव पक्ष की ओर से छूट की मांग पर विस्तृत बहस की गई।
उल्लेखनीय है कि यह मामला 19 अगस्त 2020 का है, जब योग शिक्षिका राफिया नाज ने सिविल कोर्ट रांची में इरफान अंसारी के खिलाफ शिकायतवाद दर्ज कराया था। आरोप है कि मंत्री ने एक निजी समाचार चैनल पर राफिया के पहनावे को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिससे उनकी छवि धूमिल हुई और धार्मिक भावनाएं आहत हुईं। शिकायत में स्त्री लज्जा भंग करने, भीड़ को हिंसा के लिए उकसाने और मानहानि के आरोप लगाए गए हैं। अदालत मानहानि और शांति भंग करने के इरादे से अपमान करने के मामले में संज्ञान लिया है। साथ ही इरफान अंसारी के खिलाफ उपस्थिति को लेकर समन जारी किया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे