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--बरेली जेल में फर्जी दस्तावेजों से मुलाक़ात करने का है आरोप
प्रयागराज, 16 जुलाई (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिवंगत पूर्व विधायक अशरफ के करीबी मो अज़हर की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज़ कर दी है। अजहर पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अशरफ से बरेली जेल में मुलाकात करने और उसके साथ आपराधिक साजिश में शामिल होने का आरोप है।
यह आदेश न्यायमूर्ति समीर जैन ने मो अजहर की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद दिया। याची के अधिवक्ता का कहना था कि याची प्राथमिकी में नामजद नहीं है। उसका नाम बाद में विवेचना में शामिल किया गया। उसके खिलाफ़ कोई दस्तावेजी साक्ष्य नहीं है। यह भी आरोप है कि उसने अपने आधार कार्ड पर कई लोगों की अशरफ से मुलाकात कराई थी। याची के अधिवक्ता का कहना था कि प्राथमिकी सात मार्च 2023 को दर्ज हुई लेकिन विवेचना अब भी लंबित है। पुलिस याची को गिरफ्तार करना चाह रही है।
याचिका का विरोध करते हुए अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल का कहना था कि याची पर गंभीर आरोप है। वह विवेचना में सहयोग नहीं कर रहा है और लगातार गिरफ्तारी से बच रहा है। उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट और कुर्की का नोटिस भी जारी हो चुका है। कोर्ट ने सुनवाई के बाद अग्रिम जमानत अर्जी खारिज़ कर दी।
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हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे