देवरिया की अनुपमा यादव के अपहरण मामले में आया नया मोड़
--अभियुक्त एलबम फिल्म निर्माता सुनील यादव ने विवेचक पर घूस लेने का लगाया आरोप --कोर्ट ने एसपी देवरिया को जांच कर रिपोर्ट पेश करने का दिया निर्देश --एसपी व एसएचओ कोतवाली 21 जुलाई को तलब प्रयागराज, 16 जुलाई (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने देवरिया की अन
इलाहाबाद हाईकाेर्ट


--अभियुक्त एलबम फिल्म निर्माता सुनील यादव ने विवेचक पर घूस लेने का लगाया आरोप --कोर्ट ने एसपी देवरिया को जांच कर रिपोर्ट पेश करने का दिया निर्देश --एसपी व एसएचओ कोतवाली 21 जुलाई को तलब

प्रयागराज, 16 जुलाई (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने देवरिया की अनुपमा यादव का एलबम फिल्म निर्माता सुनील यादव द्वारा अपहरण मामले में विवेचना अधिकारी पर 2 लाख 80 हजार घूस लेने के आरोपों की एसपी को जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने पूछा है कि लापता अनुपमा यादव की बरामदगी के लिए अब-तक क्या कदम उठाए गए हैं। यह भी बतायें कि किन वजहों से पीड़िता की बरामदगी करने में पुलिस फेल रही है। अभियुक्त याची सुनील यादव ने विवेचना अधिकारी पर घूस लेने का आरोप लगाया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 21 जुलाई को एसपी देवरिया व एसएचओ कोतवाली को तलब किया है।

याची सुनील यादव के अधिवक्ता ने पूरक हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया कि पीड़िता की बरामदगी नहीं की गई है। विवेचना अधिकारी दरोगा रिजवान अंसारी ने उससे व उसके भाई से घूस मांगा। 27 फरवरी 25 को फोन पे एप के जरिए दरोगा के कहने पर तहउ्उर अंसारी के खाते में 40 हजार भेजे गये । 12 मार्च 25 को 2.40 लाख रूपए विवेचक को नकद दिए गए हैं।

कोर्ट ने इस आरोप को गंभीरता से लिया और एसपी को जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय तथा न्यायमूर्ति संदीप जैन की खंडपीठ ने अभियुक्त सुनील यादव की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने दर्ज आपराधिक मामले में लगी याची की गिरफ्तारी पर रोक बढ़ा दी है। याचिका की अगली सुनवाई 21 जुलाई को होगी।

इससे पहले कोर्ट ने पीड़िता की बहन शिकायतकर्ता सुष्मिता यादव को नोटिस जारी की थी और राज्य सरकार व सुष्मिता से जवाब मांगा था। किंतु किसी की तरफ से जवाब दाखिल नहीं किया गया। अपर शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि पीड़िता की अभी तक बरामदगी नहीं की जा सकी है।

याची का कहना है कि एक ब्लैकमेलिंग का गैंग है, जो लोगों को झूठे केस में फंसाकर धन की उगाही करता है। इसलिए एफआईआर रद्द की जाय।

मालूम हो कि सोनदा निवासी सुष्मिता यादव अपने भाई सूर्य कुमार यादव, बहन अनुपमा यादव एक साथ रहते हैं। उन्होंने एफआईआर दर्ज कर याची पर आरोप लगाया कि वह शिकायतकर्ता की बहन अनुपमा यादव से प्रेम करता है। 19 फरवरी 25 को याची उसके घर पर आया और बोला कि वह नेपाल शादी की शापिंग करने जा रहा है। कार में अनुपमा को साथ ले गया।

बाद में अनुपमा का फोन आया कि याची उसे नेपाल नहीं बिहार ले आया है। इसके बाद फोन बंद हो गया। याची को फोन करने की कोशिश की किंतु नहीं उठाया। 22 फरवरी 25 को याची ने फोन उठाया और बताया अनुपमा उसके साथ नहीं है। आशंका जताई कि या तो 25 साल की अनुपमा को बेच दिया या मार दिया है।

याची अधिवक्ता का कहना था कि वह चैनल के लिए एलबम बनाता है। फिल्म लेखक रमेश गुप्ता एक दिन 2024 में अनुपमा के साथ याची से मिले। अनुपमा ने उसे फिल्म में काम करने का प्रस्ताव किया। उसने हामी भर दी। याची ने अनुपमा से एलबम में काम करने के लिए कहा। अनुपमा ने उससे पैसे मांगे। कुल छह-सात लाख रुपए दिया। किंतु अलबम में काम नहीं किया। बहाने बनाये।

जब पैसा वापस करने या अलबम में काम करने का दबाव बनाया तो धमकाने लगी और अपने आदमी भेजें जिन्होंने याची की पत्नी से छेड़छाड़ की और मारपीट की। जिसका केस कोर्ट के आदेश पर सारनाथ, थाना, वाराणसी में दर्ज है। इसके बाद याची को फर्जी मुकदमे में फंसा दिया है।

याची का आरोप है कि सुष्मिता यादव व अन्य का रैकेट है जो आम लोगों को फंसाकर धन उगाही करता है। ऐसे ही आरोप में मनोज यादव व मनीष यादव ने 2 नवम्बर 23 को चौबेपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।

अनुपमा यादव को एल्बम में रोल दिया, पैसे दिए और काम से इंकार करने पर पैसे वापस मांगे तो 23 फरवरी 25 को कोतवाली देवरिया में झूठा केस दर्ज कराया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे