बलरामपुर : सात साल तक यौन शोषण और प्रताड़ित करने वाला पत्रकार गिरफ्तार, भेजा गया जेल
बलरामपुर, 15 जुलाई (हि.स.)। बलरामपुर पुलिस ने महिला और उनके परिवार वालों को मार डालने व उसके साथ सात साल तक यौन शोषण करने के मामले में एक पत्रकार को गिरफ्तार किया है। थाना सिटी कोतवाली पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता एवं अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार
सिटी कोतवाली


बलरामपुर, 15 जुलाई (हि.स.)। बलरामपुर पुलिस ने महिला और उनके परिवार वालों को मार डालने व उसके साथ सात साल तक यौन शोषण करने के मामले में एक पत्रकार को गिरफ्तार किया है।

थाना सिटी कोतवाली पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता एवं अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की सुसंगत धराओ के तहत यह कार्रवाई की है। पुलिस के अनुसार, आरोपित पीड़िता से एक लाख रुपये की मांग भी किया था।

पुलिस के द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, बीते सोमवार सिटी कोतवाली थाना अंतर्गत पीड़िता ने लिखित शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में पीड़िता ने बताया कि आरोपित पत्रकार पीड़िता के साथ वर्ष 2018-19 से जान पहचान बढ़ाकर मोबाइल फोन से बातचीत करता था। दिन बीतने के बाद बातचीत अब अश्लील होने लगी थी। पीड़िता ने जब इसका विरोध किया तो आरोपित ने जान से मारने की धमकी देने लगा। इस दौरान वर्ष 2019 से जून माह तक पीड़िता को डरा धमकाकर व उनके परिवार को जान से मारने की धमकी देता और उसकी वैवाहिक जीवन खराब करने की धमकी देते हुए पीड़िता के साथ कई बार बलात्कार किया। पीड़िता अपनी वैवाहिक जीवन बचाने के डर से इस घटना के संबंध में किसी को जानकारी नहीं दी। इसी बात का फायदा उठाकर पीड़िता के साथ आरोपित ने बार बार जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाकर बलात्कार करता रहा। आरोपित पीड़िता को डरा-धमकाकर कई बार उससे पैसे भी वसूल चुका है। अब पीड़िता को बदनाम करके इसके पति को गोली से मार देने की धमकी देकर पीड़िता से एक लाख रूपये की मांग कर रहा था। आरोपित पीड़िता को आदिवासी समुदाय की महिला होना जानते हुए पीड़िता का लगातार यौन शोषण कर प्रताड़ित करता रहा। आरोपित के अत्याचार से काफी ज्यादा परेशान हो जाने के बाद पीड़िता ने इसकी शिकायत सिटी कोतवाली पुलिस से की।

पीड़िता कि रिपोर्ट पर आरोपित पत्रकार के विरुद्ध थाना बलरामपुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच में जुट गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने इसकी सूचना अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी। निर्देशन एवं मार्गदर्शन में प्रकरण की विवेचना प्रारंभ की गई। प्रकरण की प्रारंभिक विवेचना पर आरोपित के द्वारा घटना घटित किया जाना प्रथमदृष्टया सिद्ध सबूत पाए जाने पर प्रकरण पंजीबद्ध होने के 12 घंटे के भीतर ही आरोपित को गिरफ्तार कर सत्र न्यायालय रामानुजगंज के समक्ष पेश किया गया। जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज गया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय