जल जीवन मिशन को लेकर विधानसभा में भिड़े कांग्रेस और भाजपा विधायक
रायपुर, 15 जुलाई (हि.स.)। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को जल जीवन मिशन को लेकर प्रश्नकाल में बड़ा हंगामा देखने को मिला। भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने योजना में गड़बड़ियों को लेकर गंभी
विधान सभा में मंत्री अरुण साव और धरमलाल कौशिक


रायपुर, 15 जुलाई (हि.स.)। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को जल जीवन मिशन को लेकर प्रश्नकाल में बड़ा हंगामा देखने को मिला। भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने योजना में गड़बड़ियों को लेकर गंभीर सवाल उठाए और विभागीय मंत्री एवं उपमुख्यमंत्री अरुण साव से कड़ी कार्रवाई की मांग की। इस दौरान कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव और भाजपा विधायक अजय चंद्राकर दोनों आपस में भिड़ गए।

दरअसल भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने जल एवं स्वच्छता मिशन पर प्रश्न पूछा। कौशिक ने आरोप लगाया कि फर्जी दस्तावेज के माध्यम से कुछ फर्मों ने अनुबंध लेकर कार्य किया है, लेकिन आज तक उन पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने पूछा, जब आरोप स्पष्ट हैं तो संबंधित फर्मों और दोषियों पर एफआईआर क्यों नहीं की गई?

जवाब में डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि एक फर्म पर एफआईआर दर्ज की गई है, वहीं कुछ फर्मों को ब्लैकलिस्ट किया गया है। ज्वाइंट वेंचर के मामले लंबित हैं। अफसरों की भूमिका की रिपोर्ट अभी आई नहीं है, रिपोर्ट आते ही दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। धरमलाल कौशिक ने यह भी सवाल उठाया कि विभाग पहले ही स्पष्ट कर चुका था कि जब तक काम पूरा न हो, 70 प्रतिशत से ज्यादा भुगतान नहीं किया जाएगा, लेकिन अब जानकारी सामने आई है कि कुछ ठेकेदारों को 80 प्रतिशत से ज्यादा भुगतान कर दिया गया। उन्होंने सवाल किया कि क्या नियम विरुद्ध भुगतान करने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी? अरुण साव ने जवाब दिया कि यदि जांच में पाया गया कि भुगतान नियमों के विरुद्ध किया गया है, तो संबंधित अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।

इस बीच कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव और भाजपा विधायक अजय चंद्राकर के बीच तीखी बहस छिड़ गई। देवेंद्र यादव द्वारा ऊंचे स्वर में बोलने और आक्रामक लहजे पर आपत्ति जताते हुए चंद्राकर ने टोक दिया, जिसके बाद सदन का माहौल तनावपूर्ण हो गया। स्थिति को संभालते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सख्त लहजे में टिप्पणी करते हुए कहा कि ”विधानसभा कोई सड़क नहीं है भाषण देने के लिए। सभी सदस्य अपनी बात रखें, लेकिन तरीका मर्यादित हो। शालीन भाषा में संवाद करें।”

डॉ. रमन सिंह ने देवेंद्र यादव को व्यक्तिगत रूप से फटकार लगाते हुए सदन की गरिमा बनाए रखने की चेतावनी दी। इस पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव जवाब दे ही रहे थे कि कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव एक दस्तावेज लहराते हुए खड़े हो गए और ऊंचे स्वर में बोले, “यह विधानसभा का ही दस्तावेज है, जिसमें लिखा है कि कार्य पूर्ण होने से पहले 70 प्रतिशत से अधिक राशि का भुगतान नहीं हो सकता।” इस बीच विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह उन्हें बार-बार टोकते रहे।

देवेंद्र यादव की तीखी भाषा पर आपत्ति जताते हुए भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने नियमों का हवाला देते हुए सवाल उठाया कि किस प्रक्रिया के तहत ये ऊंची आवाज में बोल रहे है, और मंत्री के जवाब के बीच खड़े हो गए हैं। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच वाद-विवाद बढ़ता गया और बात नारेबाजी और असंसदीय भाषा तक पहुंच गई।

हालात को बिगड़ते देख विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने हस्तक्षेप किया और दोनों विधायकों को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा, प्रश्नकाल को जनता देखती है। यह छत्तीसगढ़ विधानसभा की गरिमा के खिलाफ है। उन्होंने विशेष रूप से देवेंद्र यादव को चेतावनी दी कि वे दो बार के विधायक हैं और उन्हें संसदीय मर्यादाओं का पालन करना चाहिए।

सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए अध्यक्ष ने दोनों पक्षों द्वारा इस्तेमाल किए गए असंसदीय शब्दों को कार्यवाही से विलोपित करने का आदेश दिया। साथ ही उन्होंने याद दिलाया कि यह वर्ष विधानसभा की रजत जयंती का वर्ष है और इसकी गरिमा को बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / केशव केदारनाथ शर्मा