ग्वालपाड़ा में जमीन से बेदखल लोगों के बीच राजनीतिक जमीन तलाश रहे वामपंथी
ग्वालपाड़ा, 15 जुलाई (हि.स.)। ग्वालपाड़ा जिले में सरकारी जमीन से बेदखल किए गए संदिग्ध नागरिकों के बीच वामपंथी पार्टियां राजनीतिक जमीन तलाशने में लगी हुई है। मंगलवार को सीपीआई(एम) के नेता ग्वालपाड़ा में चलाए गए अभियान के स्थल पर पहुंचे। उन्होंने आरोप
ग्वालपाड़ा में जमीन से बेदखल लोगों के बीच राजनीतिक जमीन तलाश रहे वामपंथी


ग्वालपाड़ा, 15 जुलाई (हि.स.)। ग्वालपाड़ा जिले में सरकारी जमीन से बेदखल किए गए संदिग्ध नागरिकों के बीच वामपंथी पार्टियां राजनीतिक जमीन तलाशने में लगी हुई है। मंगलवार को सीपीआई(एम) के नेता ग्वालपाड़ा में चलाए गए अभियान के स्थल पर पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि पुनर्वास की व्यवस्था किए बिना अमानवीय निष्कासन अभियान चलाए जा रहे हैं। इसके खिलाफ मंगलवार को सीपीआई (एम) के नेतृत्व में जिला आयुक्त कार्यालय के सामने एक विशाल विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस प्रदर्शन में धुबड़ी, कृष्णाई, धोपतला, फॉरेस्ट गेट, हाचिला, कारबला और बलबला सहित विभिन्न क्षेत्रों से आए पांच हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया और सरकार विरोधी नारे लगाए।

प्रदर्शनकारियों ने अमानवीय निष्कासन बंद करो, बिना पुनर्वास के निष्कासन नहीं चलेगा, हिमंत बिस्व सरमा हाय-हाय, उचित मुआवजा और पुनर्वास दो, जनता की ज़मीन अडानी-अंबानी को देना बंद करो जैसे तीखे नारे लगाए।

इस विरोध कार्यक्रम में विभिन्न समुदायों के लोगों ने हिस्सा लेकर असम सरकार द्वारा चलाए जा रहे निष्कासन अभियान को तत्काल रोकने की मांग की। प्रदर्शन में सरभोग के विधायक मनोरंजन तालुकदार, सीपीआईएम के राज्य सचिव सुप्रकाश तालुकदार, ग्वालपाड़ा जिला समिति के ननी दास और परवेज़ अली समेत अन्य नेता भी शामिल हुए।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पूरे देश के साथ ही असम में भी अपनी राजनीतिक जमीन खो चुकी वामपंथी पार्टियां उजाड़े गए संदिग्ध नागरिकों की भीड़ जुटाकर 2026 के चुनाव में भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश कर रही हैं। वहीं कांग्रेस, राइजर दल समेत कई राजनीतिक दल इन्हें अपना वोट बैंक बनाने में जुटी हुई हैं। वहीं दूसरी ओर चुनाव आयोग चुनाव से पहले संदिग्ध मतदाताओं की पहचान करने में लग गया है।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश