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धर्मशाला, 13 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मिलने वाले लोगों को बीपीएल योजना से बाहर करने की सरकार की योजना का पूर्व विधायक अरुण कुमार कूका ने कड़ा विरोध किया है। रविवार को नगरोटा बगवां में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक ने कहा कि सरकारी सहायता से पक्का घर बना लेने से क्या उस परिवार की आय में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि बीपीएल परिवारों को इस योजना से बाहर करने से पहले यह जानना जरूरी है कि क्या उनके आय के साधन बढ़े हैं या परिवार के किसी सदस्य की सरकारी नियुक्ति हुई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि नगरोटा बगवां विकास खंड में पंचायतों के मनरेगा व अन्य विकास कार्य विधायक की मंजूरी से हो रहे तथा पात्र लोगों के बजाए चेहतों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने चुनें हुए पंचायत प्रतिनिधियों की शक्तियां छीनने तथा मनरेगा कार्यों में विधायक की मनमानी का भी कड़ा विरोध किया तथा मनरेगा नियमों का उलंघन बताया। उन्होंने कुछ ग्राम पंचायतों में पात्र लोगों को दरकिनार कर अपने चेहते अपात्र लोगों को लाभ देने की भी विभागीय जांच करवाने की बात कही।
उन्होंने कहा कि सरकार ने पर्यटन निगम के चेयरमैन को विश्वास में लिए बगैर ही मन्त्रीमंडल कि बैठक में पर्यटन निगम के हेरिटेज और अन्य 14 होटलों को निजी हाथों में देने का निर्णय ले लिया इससे यह साबित हो गया है कि सरकार प्रदेश की प्रॉपर्टी को बेचने काम कर रही है।
पूर्व विधायक ने कहा कि नगरोटा बगवां में विश्व बैंक के पैसे का दुरूपयोग किया जा रहा है। एशियन विकास बैंक (एडीबी) प्रोजेक्ट के तहत फाउंटेंन लगाने और माल रोड बनाने का काम किया जा रहा है जिसका पर्यटकों को कोई लाभ नहीं मिलेगा जबकि यह पैसा पर्यटन विकास पर खर्च किया जाना चाहिए ताकि प्रदेश मे पर्यटन कों बढ़ावा मिले।
उन्होंने कहा कि उन्हें यह भी जानकारी मिली है कि ब्लॉक ऑफिस में करीब 50 लाख रूपये कीमत का एक साइलेंस जनरेटर था जो कि एक दिन भी नहीं चला जो कि आजकल गायब है। वह जनरेटर कहां गया इसकी जबाब देही अधिकारी की बनती है क्योंकि यह सरकारी प्रॉपर्टी है।।
हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया