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शिमला, 13 जुलाई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर शिमला जिले के कोटखाई और कुमारसैन में वन भूमि से अवैध कब्जे हटाने की बड़ी मुहिम शुरू हो गई है। वन विभाग की टीम ने कोटखाई के चैथला गांव में सेब के करीब 100 पेड़ काटे, जबकि कुमारसैन के सराहन गांव में सेब, नाशपाती और चेरी के करीब 320 पेड़ काटे गए। पुलिस की सुरक्षा के बीच वन विभाग ने ये कार्रवाई शनिवार देर रात तक अमल में लाई।
चैथला गांव में लोगों ने लगभग 275 बीघा वन भूमि पर कब्जा कर सेब के करीब 3800 पेड़ लगा रखे हैं। इस कार्रवाई में वन विभाग की 15 सदस्यीय टीम, 5 कटिंग मशीनें और 6 रिजर्व फोर्स के जवान तैनात रहे। बारिश के चलते कुछ रुकावटें जरूर आईं, लेकिन देर शाम तक तीन खसरा नंबर की जमीन कब्जा मुक्त करवा ली गई।
एसडीएम कोटखाई मोहन शर्मा ने रविवार को बताया कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए वन भूमि पर सेब के अवैध बगीचों को हटाया जा रहा है। यह कार्रवाई पूरी पारदर्शिता और सुरक्षा के साथ की जा रही है। वहीं डीएफओ ठियोग मुनीश रामपाल ने कहा कि चैथला गांव में कुल 3800 पेड़ हटाए जाएंगे, ताकि वन भूमि को उसके मूल स्वरूप में लौटाया जा सके।
उधर कुमारसैन तहसील के सराहन गांव में भी हाईकोर्ट के आदेश पर सेब, नाशपाती और चेरी के करीब 320 पेड़ काटे गए। आरओ कुमारसैन अरुण कुमार ने बताया कि “लचार लोगों के बगीचों में कार्रवाई की गई है, शेष पर 14 जुलाई को कार्रवाई होगी। एक अवैध मकान को भी कब्जे में लेकर तालाबंदी की गई है।
प्रशासन ने किसी भी विरोध की आशंका को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। जिला दंडाधिकारी शिमला अनुपम कश्यप ने चैथला गांव की सीमाओं में 11 से 18 जुलाई तक हर तरह के लाइसेंसी और गैर-लाइसेंसी हथियार रखने और ले जाने पर रोक लगा दी है। जिनके पास लाइसेंसी हथियार हैं, उन्हें 12 जुलाई तक कोटखाई पुलिस स्टेशन में जमा करना होगा। यह आदेश पुलिस और सुरक्षा बलों पर लागू नहीं होगा।
पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक अतीत में भी अधिकारियों को ऐसी कार्रवाई के दौरान विरोध का सामना करना पड़ा था। इसी को देखते हुए प्रशासन ने यह सख्त कदम उठाया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा