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पलामू, 11 जुलाई (हि.स.)। पलामू व्यवहार न्यायालय के चतुर्थ जिला और सत्र न्यायाधीश एवं पोक्सो कोर्ट के स्पेशल जज पवन कुमार की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी छोटू भुइयां उर्फ प्रमोद भुइयां उर्फ छठु भुइयां को दोषी पाते हुए 22 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
वहीं प्रमोद भुइयां पर 25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड की राशि नहीं देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। इस संबंध में चैनपुर थाना में धावाटाड़ के छोटू भुइयां उर्फ प्रमोद भुइयां उर्फ छठु भुइयां के विरुद्ध 18 सितम्बर 2023 को नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
घटना के अनुसार नाबालिग स्कूल जाने के लिए घर से निकली थी।
अभियुक्त स्कूल तक छोड़ देने के बहाने उसे मोटरसाइकिल पर बैठा लिया और स्कूल नहीं ले जाकर अपनी नानी के घर ले गया एवं उसे एक कमरे में दो दिनों तक बंद रखा। उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने पीड़िता को अभियुक्त के घर से बरामद किया था। घर लौटने पर पीड़िता ने परिजनों को घटना की जानकारी देते हुए मामला दर्ज कराया था।
अदालत ने साक्ष्य के आधार पर छठु भुइयां को धारा 366 में दोषी पाते हुए 10 वर्ष सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड लगाया।
वहीं लैंगिक अपराधाें से बालकों के संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा छह में दोषी पाते हुए 22 वर्ष सश्रम कारावास की सजा और 25 हजार अर्थदण्ड लगाया।
मामले में दोनों सजाएं साथ साथ चलेंगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप कुमार