राजस्थान में बारिश का दौर जारी, अगले पांच दिन भारी बारिश के आसार
करौली-सवाई माधोपुर में ऑरेंज अलर्ट, 27 जिलों में येलो अलर्ट जारी जयपुर, 11 जुलाई (हि.स.)। राजस्थान में मानसून का दौर जारी है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है। मौसम केंद्र जयपुर ने आगामी पांच दिनों तक राज्यभर में अच्छी बारिश और कु
बारिश


करौली-सवाई माधोपुर में ऑरेंज अलर्ट, 27 जिलों में येलो अलर्ट जारी

जयपुर, 11 जुलाई (हि.स.)। राजस्थान में मानसून का दौर जारी है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है। मौसम केंद्र जयपुर ने आगामी पांच दिनों तक राज्यभर में अच्छी बारिश और कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना जताई है। साथ ही अगले दो सप्ताह सामान्य से अधिक वर्षा होने का पूर्वानुमान भी जारी किया गया है।

मौसम विभाग ने शुक्रवार के लिए करौली और सवाई माधोपुर जिलों में ऑरेंज अलर्ट, जबकि 27 अन्य जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। झुंझुनूं और भरतपुर जिलों में बीते 24 घंटे में करीब तीन इंच बारिश दर्ज की गई है। बीसलपुर बांध का जलस्तर भी बीते 24 घंटों में एक सेंटीमीटर बढ़कर 313.90 आरएल मीटर हो गया है।

राजधानी जयपुर में गुरुवार दोपहर बाद कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। सांगानेर एयरपोर्ट पर 24.2 मिमी, विराटनगर में 41 मिमी, पावटा में 34 मिमी और कोटखावदा में 13 मिमी वर्षा दर्ज की गई। टोंक रोड, मानसरोवर, जगतपुरा और जेएलएन मार्ग समेत अन्य क्षेत्रों में भी अच्छी बारिश हुई, जिससे उमस भरे मौसम से लोगों को राहत मिली। लगातार हो रही बारिश के कारण कई स्थानों पर अधिकतम तापमान सामान्य से 10 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला गया। चूरू में तापमान 27.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जो औसत से 10.4 डिग्री कम है। उदयपुर में 30.5, जयपुर में 33.3, कोटा व श्रीगंगानगर में 33.7 और अजमेर में 32 डिग्री दर्ज किया गया।

पिछले 24 घंटे में झुंझुनूं में 70 मिमी, खेतड़ी में 57, बिसाऊ में 42, चिड़ावा में 37 मिमी वर्षा हुई। भरतपुर के पहाड़ी में 45, रूपवास में 50, श्रीगंगानगर के लालगढ़ में 53, सवाई माधोपुर के तलवाड़ा में 37, बामनवास में 44, करौली के श्रीमहावीरजी में 35, टोडाभीम में 27 तथा हनुमानगढ़ के नोहर में 24 मिमी बारिश दर्ज की गई। अन्य जिलों में सीकर, नागौर, दौसा, धौलपुर, बीकानेर, टोंक, अजमेर आदि में भी अच्छी बारिश हुई।

जयपुर के जंतर-मंतर पर गुरुवार शाम 7:19 बजे ‘वायु परीक्षण’ विधि से मानसून की स्थिति का पूर्वानुमान किया गया। यह परीक्षण बीते 252 वर्षों से परंपरागत तरीके से किया जाता रहा है। आचार्य शिवदत्त शास्त्री के अनुसार, सूर्यास्त के बाद इंद्र ध्वज पूजन कर ध्वज को सम्राट यंत्र के शिखर पर स्थापित किया गया और हवा की दिशा व गति का निरीक्षण किया गया। परीक्षण में संकेत मिले हैं कि वर्ष भर अच्छी वर्षा होगी और राज्य में हरियाली व कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / अखिल