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सूरजपुर, 11 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण कार्यकम है। जिसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं में उच्च जोखिम वाले लक्षणों की पहचान कर, विशेषज्ञ तथा प्रशिक्षित चिकित्सकों द्वारा गुणवत्तापूर्ण संपूर्ण प्रबंधन सुनिश्चित करना है, उच्च जोखिम श्रेणी में आने वाली गर्भवती महिलाओं का समुचित प्रबंधन एवं सुनियोजित संवर्धन सुनिश्चित कर राज्य में मातृ-मृत्यु अनुपात को कम किया जा सकता है इसलिए प्रत्येक माह के 09 एवं 24 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस जिले के जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में आयोजित किया जाता है।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान जिला अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में विशेष रूप से उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन प्रत्येक उच्च जोखिम गर्भवती महिला की निःशुल्क हिमोग्लोबिन, ब्लड शुगर, सिकलिंग, मलेरिया, एच.आई.वी., वजन, उँचाई इत्यादि की जांच की जाती है। वर्तमान में जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भैयाथान, प्रतापपुर, ओड़गी एवं रामानुजनगर में सोनोग्राफी की सुविधा शासकीय स्त्रीरोग विशेषज्ञ एवं निजी संस्थानों के स्त्रीरोग विशेषज्ञ के सहयोग से प्रदाय किया जा रहा हैं।
प्रत्येक गर्भवती को मेडिकल ऑफीसर-स्त्रीरोग विशेषज्ञ द्वारा परामर्श दिया जाता है तथा काउन्सलर द्वारा परामर्श दिया जाता है, काउंसलर द्वारा गर्भावस्था के दौरान देखभाल खतरे के संकेत प्रसव की तैयारी, परिवार नियोजन, पोषण, संस्थागत प्रसव, रेफरल इत्यादि के संबंध में काउनसलिंग की जाती है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक 22709 महिलाए (पीएमएसएमए) आयोजन अंतर्गत पंजीकृत हुई जिसमें 2577 सोनोग्राफी सुविधा प्रदाय की गई तथा 1966 उच्च जोखिम गर्भवती चिन्हांकित हुई वहीं वित्तीय वर्ष 2025-26 में अप्रैल से लेकर अब तक 5302 महिलाएं (पीएमएसएमए) योजना अंतर्गत पंजीकृत हुई जिसमें 565 को सोनोग्राफी सुविधा प्रदाय की गई तथा 423 महिलाओं को उच्च जोखिम का चिन्हांकन किया गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय