Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
गुवाहाटी, 11 जुलाई (हि.स.)। असम में आपदा रोधी बुनियादी ढांचे के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) द्वारा शुक्रवार को रत्नमौली पैलेस में ठेकेदार सम्मेलन का आयोजन किया गया।
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में एएसडीएमए की अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं एसीएस मीनाक्षी दास नाथ ने कहा कि राज्य में मौजूदा राहत शिविरों पर दबाव कम करने के लिए बहुउद्देशीय बाढ़ शरणालयों का निर्माण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आपदा रोधी अवसंरचना असम के लिए बेहद जरूरी है और एएसडीएमए, असम इंटीग्रेटेड रिवर बेसिन मैनेजमेंट प्रोग्राम (एआईआरबीपीएमपी) के तहत इस दिशा में सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है। उन्होंने ठेकेदारों से इस महत्त्वपूर्ण यात्रा में सार्थक भागीदारी निभाने की अपील की।
विश्व बैंक द्वारा समर्थित एआईआरबीपीएमपी, संस्थागत सुधारों और रणनीतिक अवसंरचना निवेश के माध्यम से असम की आपदा प्रबंधन क्षमता को मजबूत करने का लक्ष्य रखता है।
इस कार्यक्रम के तहत पहले चरण में असम के 11 जिलों में बाढ़ की तैयारी, शमन, प्रतिक्रिया और पुनर्वास से संबंधित नागरिक निर्माण कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। प्रमुख परियोजनाओं में 500 लोगों को आपातकालीन स्थिति में समायोजित कर सकने वाले नए बहुउद्देशीय बाढ़ शरणालयों का निर्माण शामिल है। साथ ही, वर्तमान में राहत शिविर के रूप में प्रयुक्त कुछ स्कूल भवनों को संरचनात्मक रूप से सुदृढ़ कर उनकी कार्यक्षमता बढ़ाई जा रही है।
कार्यक्रम में सिविल डिफेंस और होम गार्ड, असम के महानिरीक्षक अरविंद कलिता ने एसडीआरएफ कर्मियों एवं समुदाय के स्वयंसेवकों की आपदा प्रतिक्रिया क्षमताओं को बढ़ाने के लिए उन्नत प्रशिक्षण सुविधाओं की आवश्यकता पर बल दिया।
एएसडीएमए इस उद्देश्य से पानीखैती स्थित सेंट्रल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (सीटीइई) का विकास कर रहा है, जिससे सर्कल क्विक रिस्पांस टीमों और अन्य प्रथम प्रतिक्रियाकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा सके।
इसके अतिरिक्त, सात जिलों में जीवन रक्षक उपकरणों के भंडारण के लिए मैटेरियल बैंक और सर्कल इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर का निर्माण किया जा रहा है, जिसे आगे सभी जिलों तक विस्तारित किया जाएगा।
इससे पहले, फ्रेमा के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी आरके मजूमदार ने फ्रेमा, जल संसाधन विभाग और एएसडीएमए द्वारा संचालित एआईआरबीपीएमपी की विभिन्न पहलों की विस्तृत जानकारी दी, जिनका उद्देश्य एकीकृत बाढ़ प्रबंधन को बढ़ावा देना और आपदाओं के प्रभाव को कम करना है।
सम्मेलन में ठेकेदारों के साथ एक इंटरएक्टिव सत्र भी हुआ, जिसमें एएसडीएमए अधिकारियों ने परियोजनाओं से जुड़ी तकनीकी पहलुओं, खरीद प्रक्रियाओं और वित्तीय नियमों से संबंधित मुद्दों का समाधान किया।
इस अवसर पर लोक निर्माण विभाग (भवन) के अतिरिक्त मुख्य अभियंता महेंद्र मोहन दास और फ्रेमा के मुख्य तकनीकी अधिकारी भास्कर ज्योति दास भी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश