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शिमला, 10 जुलाई (हि.स.)। पशुपालन एवं कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार ने गौसेवा आयोग द्वारा गौपाल योजना के अंतर्गत प्रति माह प्रदान की जाने वाली प्रोत्साहन राशि को 700 रुपये से 1200 रुपये प्रतिमाह प्रति गौवंश बढ़ाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि गौ-सदनों को यह राशि अगस्त, 2025 से उपलब्ध करवाई जाएगी।
पशुपालन एवं कृषि मंत्री आज यहां गौसेवा आयोग की 6वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक के दौरान प्रदेश में गौसदनों की स्थापना, संचालन व बेसहारा गौवंश के पुनर्वास पर विस्तृत चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 276 गौसदनों और गौ-अभ्यारण्यों में 21,306 बेसहारा गौवंश को आश्रय प्रदान किया जा रहा है। जिला कांगड़ा, हमीरपुर व ऊना में नए गौ-सदनों और गौ-अभ्यारण्यों को स्थापित करने का कार्य जारी है।
बैठक में गौपाल योजना के अंतर्गत प्रतिमाह दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया गया। आयोग ने कृषि विभाग की सहायता से गौ-सदनों और गौ-अभ्यारण्यों में बायोगैस प्लांट स्थापित करवाने का निर्णय लिया। पशुपालन मंत्री ने पशुपालन विभाग द्वारा सभी गौ-सदनों और गौ-अभ्यारण्यों में नियमित पशु चिकित्सा उपलब्ध करवाने और इनका उचित अभिलेख रखने के निर्देश दिए। प्रदेश की सीमाओं में लगते राज्यों से पशु तस्करी और आवारा पशु छोड़ने के मामलों में पुलिस विभाग को आवश्यक कार्रवाई करने के आदेश दिए।
बैठक के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि आयोग भाषा एवं संस्कृति विभाग के साथ मिलकर गौ-सदनों व गौ-अभ्यारण्यों के निर्माण एवं संचालन के लिए एक नीति निर्धारण करेगा जिसमें सामुदायिक भागीदारी को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला