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जबलपुर, 10 जुलाई (हि.स.)। प्रतिवर्ष अनुसार इस बार 12 जुलाई को क्रीड़ा भारती एवं एवं महाराष्ट्र शिक्षण मंडल के तत्वाधान में वंदे मातरम चौक सिविक सेंटर से शिवाजी महाराज प्रतिमा तक पावनखिंड दौड़ का आयोजन किया जा रहा है।
गुरुवार को सूर्या होटल में आयोजित पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए डॉ.जामदार ने बताया कि इस दिन शिवाजी के 600 मावले शिवाजी की पालकी लेकर पन्हाला से विशालगढ़ तक अस्त्र-शस्त्र से लैस होकर घनीं अंधेरी रात में 65 किलोमीटर तक दौड़े थे। यह घटना हिंदवी साम्राज्य के लिए एक मील का पठार साबित हुई थी। पावन खिंड वह स्थान है जहां छत्रपति शिवाजी महाराज के सेनापति बाजी प्रभु ने मुगल फोर्स से उनकों बचाया था हजारों की सेना से लड़ते हुये बाजी प्रभु ने अंतिम सास ली थी, इस जगह को छत्रपति शिवाजी महाराज ने पावनखिंड नाम दिया। उसी की याद में इस दौड़ का आयोजन किया जा रहा है इस दौड़ में विभिन्न विद्यालय एवं क्रीड़ा केन्द्रों से लगभग 1200 बच्चे शामिल हो रहे है।
पत्रकारवार्ता में क्रीड़ा भारती के नियामक मंडल के सदस्य भीष्म सिंह के सदस्य भीष्म सिंह राजपूत, क्षेत्र संयोजक अनंत डी.के, प्रांत के कोष प्रमुख प्रकाश विस्पुते,महानगर अध्यक्ष मनोज सिंह ठाकुर,उपाध्यक्ष प्रकाश धीरावाणी,संजय सिंह,विवेक रंजन शुक्ला एवं मातृ शक्ति में शुभांगी पचौरी,प्रीति त्रिपाठी,श्वेता सिंह आदि उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक