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शिमला, 10 जुलाई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश के सोलन स्थित मानव भारती यूनिवर्सिटी (एमबीयू) से जुड़े फर्जी डिग्री घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) शिमला ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने घोटाले में शामिल तीन कमीशन एजेंटों अभिषेक गुप्ता, हिमांशु शर्मा और अजय कुमार की सात अचल संपत्तियां अस्थायी रूप से अटैच की हैं। इन संपत्तियों की कीमत बिक्री विलेख के हिसाब से करीब 1.74 करोड़ रुपये है। ये संपत्तियां बिहार, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में हैं। ईडी ने यह कार्रवाई धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत की है।
गुरुवार को ईडी की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि इस घोटाले की जांच धर्मपुर पुलिस थाना, सोलन में दर्ज तीन एफआईआर के आधार पर शुरू हुई थी। जांच में सामने आया कि एमबीयू के अध्यक्ष राज कुमार राणा ने अन्य लोगों और कमीशन एजेंटों के साथ मिलकर फर्जी डिग्रियां बेचीं। इन कमीशन एजेंटों ने फर्जी डिग्री खरीदने वालों को विश्वविद्यालय प्रबंधन से जोड़ने का काम किया और बदले में कमीशन लिया।
ईडी की जांच में पता चला कि इस तरह फर्जी डिग्रियों की बिक्री से करीब 387 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (प्रोसीड्स ऑफ क्राइम) हुई। इस पैसे का इस्तेमाल राज कुमार राणा और उनके साथियों ने अलग-अलग राज्यों में संपत्तियां खरीदने में किया।
इससे पहले भी ईडी ने इस मामले में कई बार संपत्तियां जब्त की हैं। 29 जनवरी 2021 को ईडी ने करीब 194.14 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच की थीं, जिसे न्यायिक प्राधिकरण ने भी मंजूरी दी थी। इसके बाद 10 जनवरी 2025 को ईडी ने सात अचल संपत्तियां, जिनकी कीमत करीब 5.8 करोड़ रुपये थी, अस्थायी रूप से अटैच की थीं और उसे भी मंजूरी मिल गई। अब ताजा कार्रवाई के बाद इस मामले में अब तक अटैच की गई कुल संपत्तियों का आंकड़ा करीब 202 करोड़ रुपये हो गया है।
इसके अलावा ईडी ने इस घोटाले में शामिल 14 लोगों और दो संस्थाओं के खिलाफ विशेष पीएमएलए अदालत, शिमला में अभियोग पत्र भी दाखिल किया था, जिस पर अदालत ने 4 जनवरी 2023 को संज्ञान लिया था।
ईडी का कहना है कि फर्जी डिग्री घोटाले की जांच अभी भी जारी है और आने वाले समय में और भी कार्रवाई हो सकती है।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा