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वाराणसी, 10 जुलाई (हि.स.)। बिहार के कैमूर जिले के रहने वाले राणा प्रताप सिंह ने सच्ची सेवा और श्रद्धा की मिसाल पेश की है। गुरुवार को गुरु पूर्णिमा के पावन दिन पर वे अपनी 90 वर्षीय मां को कंधे पर बिठाकर काशी लाए, जहां उन्होंने उन्हें गंगा स्नान कराया और बाबा विश्वनाथ के दरबार में दर्शन-पूजन करवाया।
राणा प्रताप सिंह ने बताया कि माता-पिता हमारे जीवन के पहले गुरु होते हैं। उनका ऋण कभी नहीं चुकाया जा सकता। उन्होंने कहा, मेरे पिता का देहांत 11 अप्रैल को हो गया। तभी मैंने प्रण लिया कि मां को हर पूर्णिमा के दिन काशी लाकर गंगा स्नान कराऊंगा और श्री काशी विश्वनाथ धाम के दर्शन करवाऊंगा। आज गुरु पूर्णिमा है और माता-पिता से बड़ा कोई गुरु नहीं होता।
श्रवण कुमार की भूमिका में दिखे राणा प्रताप सिंह का यह दृश्य लोगों के लिए प्रेरणा बन गया। गंगा घाट पर उपस्थित लोगों ने उनके इस समर्पण को नमन किया और भावुक हो उठे। लोगों ने उन्हें कलयुग का श्रवण कुमार कहा। उन्होंने भावुक स्वर में अपील की आज के दौर में लोग माता-पिता को बोझ समझ वृद्धाश्रम छोड़ आते हैं लेकिन असली धर्म तो उनकी सेवा में ही है। तीर्थ यात्रा न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह माता-पिता को सम्मान और स्नेह देने का उत्तम माध्यम भी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी