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—शिव स्वरुप बाबा कीनाराम सहित अन्य औघड़/अघोरियों की समाधियां सजी
वाराणसी,10 जुलाई (हि.स.)। काशी के विख्यात अघोरपीठ, 'बाबा कीनाराम स्थल, क्रीं-कुण्ड' में गुरूवार को पूरे उल्लास के साथ गुरू पूर्णिमा पर्व पर मनाया गया। गुरूवंदन पर्व पर क्रीं कुंड परिसर में शिव स्वरुप बाबा कीनाराम सहित अन्य औघड़/अघोरियों की समाधियों का पूजन अर्चन करने के बाद श्रद्धालुओं ने पीठाधीश्वर अघोराचार्य बाबा सिद्धार्थ गौतम राम का चरण रज लिया। दरबार में गुरूवंदन के लिए हजारों श्रद्धालु बुधवार की शाम ही पहुंच गए थे।
पीठाधीश्वर अघोराचार्य बाबा सिद्धार्थ गौतम राम का दर्शन पूजन के लिए आस्था से सराबोर भक्तों की लम्बी लाइन लगी रही। पूर्वांह साढ़े नौ बजे जैसे ही बाबा सिद्धार्थ गौतम राम अपने कक्ष से बाहर आए, श्रद्धालुओं के बीच उनकी एक झलक पाने की होड़ लग गयी। गुरु को सर्वोपरि मानने वाली हज़ारों की संख्या में कतारबद्ध श्रद्धालुओं ने अनुशासन का क्षण मात्र के लिए भी उल्लंघन नहीं किया। इस दौरान पूरा अघोरपीठ 'हर हर महादेव' के गगनभेदी उदघोष से गुंजायमान रहा । लाइन में लगे श्रद्धालुओं की भीड़ ने एक-एक कर गुरु-दर्शन किया और प्रसाद ग्रहण कर 'गुरु पूर्ण माँ' की आस्था के साथ ख़ुद को संतुष्ट पाया ।
बताते चले अघोरपीठ 'बाबा कीनाराम स्थल, क्रीं-कुण्ड'के मुख्य द्वार पर स्थित दोनों खंभों पर एक के ऊपर एक स्थित तीन मुंड अभेद प्रतीक हैं। जो यह बताते हैं कि ब्रह्मा विष्णु तथा महेश में भेद नहीं है। कीनाराम स्थल पर जलने वाली धूनी का भस्म ही यहां का प्रसाद है। आम धारणा है कि किसी भी प्रकार की विपत्ति व आपदा आने पर पीड़ित व्यक्ति पांच रविवार और मंगलवार को क्रीं कुंड में स्नान करे तो उसके कष्ट का निवारण होगा। इसी के चलते क्रीं कुंड में प्रत्येक रविवार और मंगलवार को श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ती है।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी