हिसार : गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय का 11 सदस्यीय दल ‘शिन कुन इस्ट पीक’ के लिए रवाना
विश्वविद्यालय के साहसिक दल को रवाना करने से पूर्व शुभकामनाएं देते कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई।


कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया

विश्वविद्यालय का ध्वज शिखर पर फहराने का संकल्प

हिसार, 8 जून (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय

का एक विशिष्ट प्रतिनिधिमंडल 6100 मीटर ऊंची शिन कुन इस्ट पीक के आरोहण के लिए रवाना

हुआ। इस अभियान को कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने हरी झंडी दिखाकर दल को रवाना किया। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने रविवार को इस टीम को शुभकामनाएं देते हुए

हर्ष जताया कि कि हमारे विश्वविद्यालय के वरिष्ठ संकाय सदस्यों एवं अधिकारियों का एक

सशक्त और साहसी 11 सदस्यीय दल ‘शिन कुन इस्ट पीक (6100 मीटर)’ के सफल आरोहण के उद्देश्य

से रवाना हो रहा है। यह अभियान केवल एक पर्वत चढ़ाई नहीं, बल्कि गुजविप्रौवि की सामूहिक चेतना, संकल्प शक्ति, पर्यावरणीय

प्रतिबद्धता और साहसिक नेतृत्व का प्रतीक है।

कुलपति प्रो. बिश्नोई ने इस साहसिक दल के प्रत्येक सदस्य, जिसमें प्रो. संजीव

कुमार, प्रो. कर्मपाल नरवाल, प्रो. वीके बिश्नोई, प्रो. राजीव कुमार, डॉ. शशि भूषण

लूथरा, डॉ. विनोद कुमार, डॉ. एसएस जोशी, डॉ विमल झा, डॉ. मनोज मेडल, डॉ. सुनील कुमार

एवं राजेश पूनिया को अपनी ओर से हार्दिक शुभकामनाएं दी। विशेष रूप से इस अभियान की

औसत आयु 52 वर्ष से अधिक होना यह दर्शाता है कि अनुभव और उत्साह का जब समन्वय होता

है, तब कोई भी शिखर असंभव नहीं रहता।

इस विशेष मौके पर कुलपति ने विश्वविद्यालय का झंडा इस दल को प्रदान करते हुए बताया कि यह यात्रा न केवल पर्वतारोहण

की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भावी पीढ़ी के लिए एक जीवंत संदेश भी है कि नवाचार,

आत्मबल और निस्वार्थ साहसिकता से ही सच्चा नेतृत्व जन्म लेता है। इस 11 सदस्यीय पर्वतारोही प्रतिनिधिमंडल के संयोजक प्रो. संजीव कुमार ने बताया

कि समूचे दल की सुरक्षित और सफल यात्रा की कामना करते हुए, आज विश्वविद्यालय प्रशासन

ने उन्हें उत्साहपूर्वक रवाना किया और अपने संदेश में कहा कि ईश्वर से प्रार्थना है

कि यह यात्रा सफल, सुरक्षित और विश्वविद्यालय के लिए गौरवपूर्ण रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर