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मंडी, 27 जून (हि.स.)। जिला बाल संरक्षण इकाई मंडी द्वारा हितधारकों के लिए आपदा प्रबंधन और मिशन वात्सल्य पर दो दिवसीय आवासीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में विभिन्न विभागों और संस्थाओं के करीब 80 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला का उद्घघाटन जिला अतिरिक्त दंडाधिकारी डॉ. मदन कुमार ने किया।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी एन.आर. ठाकुर ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए डॉ. मदन कुमार ने कहा कि प्राकृतिक और मानव जनित संकटों के चलते जानमाल को होने वाले जोखिमों को कम करना हम सबका एक साझा दायित्व है।हमें कोशिश करनी होगी कि हिमाचल प्रदेश के सभी नागरिक और समुदाय अपने आप को आपदाओं से अपनी सुरक्षा और बचाव करने में समर्थ हो। इसके लिए अग्रिम तैयारी और स्टीक प्रशिक्षण की भारी जरूरत है।
उन्होंने बाल देखभाल केन्द्रों में रह रहें बच्चों और स्कूली छात्रों की सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा कि ये देश का भविष्य है ! अतः इनकी सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने हिमाचल को भूकंप और दूसरी कई आपदाओं के लिए जोख़िम भरा बताया और हर प्रकार की जरूरी सावधानी बरतने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि इस दो दिवसीय आपदा प्रबंधन और मिशन वात्सल्य की इस कार्यशाला में प्रतिभागी न केवल आपदाओं से बच्चों की सुरक्षा के उपाय जानेंगे बल्कि उनसे होने वाले नुक्सान को कम करने बारे भी सीखेंगे। इस मौके पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी एन. आर. ठाकुर ने भूकंप, अग्निकांड, भूस्खलन, भगदड़, बाढ़, सड़क दुर्घटना, बज्रपात आदि कई आपदाओं की जानकारी प्रतिभागियों के समक्ष रखी तथा उनसे कैसे लोगों और विशेषकर बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और किस तरह की हमारी तैयारी हो पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने आपदा के दौरान फर्स्ट एड , ईलाज और मानसिक स्वास्थ्य पर भी बात रखी। उन्होंने कहा कि हमें इस ब्रह्म वाक्य सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी पर गहन विचार करने की जरूरत है।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा