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धर्मशाला, 11 दिसंबर (हि.स.)।
उपायुक्त कांगड़ा हेमराज वैरबा ने वीरवार को विकास खंड धर्मशाला की ग्राम पंचायत तंगरोटी खास में आयोजित एंटी-चिट्टा जागरूकता कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीणों, युवा वर्ग तथा पंचायत प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि नशा समाज को भीतर से कमजोर करने वाला सबसे बड़ा खतरा है, और इसे रोकने के लिए प्रशासन के साथ-साथ समाज के प्रत्येक व्यक्ति की सहभागिता आवश्यक है। उन्होंने कहा कि चिट्टा जैसे घातक नशे की पहुंच अब स्कूली बच्चों तक बढ़ने का खतरा पैदा कर रही है, जो गंभीर चिंता का विषय है।
उन्होंने अभिभावकों, शिक्षकों एवं स्कूल प्रबंधन से आग्रह किया कि बच्चों के स्कूल बैग की समय-समय पर जाँच अवश्य की जाए। इससे न केवल बच्चों को गलत संगत और नशे के दुष्चक्र में फँसने से रोका जा सकता है, बल्कि स्कूलों में सुरक्षित, स्वस्थ और नशामुक्त वातावरण सुनिश्चित होगा।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि युवा ही प्रदेश और देश का भविष्य हैं। अपनी ऊर्जा को नशे में नहीं, बल्कि शिक्षा, खेल, तकनीक और रचनात्मक गतिविधियों में लगाएँ। जीवन में हर चुनौती का समाधान है, लेकिन नशा किसी भी समस्या का हल नहीं बल्कि नई समस्याओं की शुरुआत है। अपनी दिनचर्या में खेल, व्यायाम, कला और कौशल विकास को शामिल करें। यह आपको मजबूत, आत्मनिर्भर और सफल बनाएगा। उन्होंने कहा कि अगर आपके आस-पास कोई मित्र गलत राह पर जा रहा है, तो उसे भी समझाएँ, रोकें और सही दिशा दिखाएं यही सच्ची मित्रता है।
उपायुक्त ने बताया कि चिट्टे से संबंधित किसी भी सूचना को साझा करने के लिए प्रदेश सरकार ने आपातकालीन नंबर 112 स्थापित किया है। उन्होंने लोगों से अपील की कि नशा तस्करी या नशे से संबंधित किसी भी संदेहास्पद गतिविधि की जानकारी तुरंत इस नंबर पर दें, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके। उपायुक्त ने सभी ग्रामीणों से नशा-मुक्त समाज बनाने हेतु निरंतर सहयोग की अपील करते हुए कहा कि प्रशासन हर संभव कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।
हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया