दिल्ली से रिवर्स पलायन कर गांव में खोला स्टार्टअप,अब सुगंध से महका ग्रामीणों का जीवन
हल्द्वानी, 25 जून (हि.स.)। रामनगर में होटल, रिजॉर्ट की जरूरत को ध्यान में रखते हुए यहीं के एक युवक ने अपने ही गांव में स्वरोजगार करने की ठानी। एरोमैटिक पौधों से एसेंशियल ऑयल निकालकर विभिन्‍न प्रकार के परफ्यूम तैयार कर बाजार में उतारे। अब रामनगर के सौ
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हल्द्वानी, 25 जून (हि.स.)। रामनगर में होटल, रिजॉर्ट की जरूरत को ध्यान में रखते हुए यहीं के एक युवक ने अपने ही गांव में स्वरोजगार करने की ठानी। एरोमैटिक पौधों से एसेंशियल ऑयल निकालकर विभिन्‍न प्रकार के परफ्यूम तैयार कर बाजार में उतारे। अब रामनगर के सौ से अधिक होटल, रिजॉर्ट में परफ्यूम की अच्छी मांग हैं।

दिल्ली के पांच सितारा होटल की नौकरी छोड़कर जीवन सिंह करायत ने साल 2011 में रिवर्स पलायन करते हुए अपने गांव ढेला में ही स्वरोजगार शुरू करने का निर्णय लिया। जीवन कहते हैं कि जब कह दिल्ली के होटल में काम करते थे, तब उन्हें होटल इंडस्ट्री में प्रयोग होने वाले 1800 से अधिक उत्पादों की जानकारी हुईं। इनमें परफ्यूम भी था जो होटलों के कमरों सहित अन्य स्थानों पर इस्तेमाल होता है।

रामनगर और आसपास क्षेत्र में 250 से अधिक होटल व रिजॉर्ट हैं। जब 2016 में यह स्वरोजगार शुरू किया था, तब उन्हें पता था कि यह आसान नहीं है। धीरे-धीरे होटल, रिजॉर्ट के कारोबारियों को हमारे बनाए गए परफ्यूम पसंद आने लगे। जिसके बाद अब वर्तमान में उनके पास सौ से अधिक होटल, रिजॉर्ट के ऑर्डर रहते हैं। खास बात ये है कि जीवन सिंह ने माल्टा और चगौतरा के छिक्कलों से भी ऑयल एक्सट्रेक्ट करके निकाला जाता है।

जीवन सिंह के अनुसार परफ्यूम बनाने के लिए एसेंशियल आॅयल की आवश्यकता होती है। लेमनग़स, सिट्रोनेला, युकेल्स्टिस, मेन्थॉल, चेटियर खस, करी पत्ता, स्वीटक्लुमस, तेजपात आदि एरोमैटिक पौधों से एसेंशियल ऑयल बनाया जाता है। सभी प्रकार के एसेंशियल ऑयल के मिश्रण से विभिल प़कार के परफ्यूम तैयार किए जाते हैं। जीवन सिंह ने बताया कि इस काम करने से पहले केंद्रीय औषधीय एयं सगंध पौधा संस्थान अनुसंधान केंद्र, पंतनगर से प्रशिक्षण लिया।

ढेला गांव में 120 बीघा जमीन पर प्लांट लगाया हैं। यहां पर काम करने के लिए गांव की 10 से 12 महिलाओं को रोजगार दिया है। इसके अलावा चार से पांच लोगों को रखा गया है, जो एरोमैटिक को बॉयलर में डालकर तेल निकालते है। एरोमैटिक पौधों को जीवन सिंह अपने ही खेतों में उगाते हैं। छोटे स्तर से शुरू किए इस प्रयास को अब बड़ा नाम मिलने लगा है। इस प्लांट में छह तरह के एरोमैटिक ऑयल के साथ साथ साबुन और जेल बनाए जा रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / DEEPESH TIWARI