हॉस्टल में करंट से डॉक्टर की मौत का मामला : सातवें दिन भी हड़ताल जारी, चार भूख हड़ताल पर
उदयपुर, 25 जून (हि.स.)। आरएनटी मेडिकल कॉलेज, उदयपुर में रेजिडेंट डॉक्टर रवि शर्मा की हॉस्टल में करंट लगने से हुई दु:खद मृत्यु के मामले ने तूल पकड़ लिया है। घटना के सात दिन बाद भी नाराज रेजिडेंट डॉक्टर्स का गुस्सा शांत नहीं हुआ है। करीब 600 रेजिडेंट ड
हॉस्टल में करंट से डॉक्टर की मौत का मामला : सातवें दिन भी हड़ताल जारी, चार भूख हड़ताल पर


उदयपुर, 25 जून (हि.स.)। आरएनटी मेडिकल कॉलेज, उदयपुर में रेजिडेंट डॉक्टर रवि शर्मा की हॉस्टल में करंट लगने से हुई दु:खद मृत्यु के मामले ने तूल पकड़ लिया है। घटना के सात दिन बाद भी नाराज रेजिडेंट डॉक्टर्स का गुस्सा शांत नहीं हुआ है। करीब 600 रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल बुधवार को सातवें दिन भी जारी रही, वहीं अब आंदोलन ने और उग्र रूप लेते हुए भूख हड़ताल का रूप ले लिया है।

रेजिडेंट डॉक्टर्स यूनियन के चार प्रमुख सदस्य डॉ. जतिन प्रजापति, डॉ. तेजपाल यादव, डॉ. गौरव और डॉ. शालू ने बुधवार सुबह 10 बजे से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। इनका कहना है कि जब तक कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. विपिन माथुर और पीजी हॉस्टल के वार्डन का इस्तीफा नहीं लिया जाता, तब तक न सिर्फ भूख हड़ताल बल्कि पूर्ण हड़ताल भी जारी रहेगी।

मृतक डॉ. रवि शर्मा के चचेरे भाई और खुद भी रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. प्रशांत अंतिम संस्कार के बाद नागौर के मकराना से लौट आए हैं। उन्होंने गहरा शोक और नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उनके भाई के साथ घोर अन्याय हुआ है। उसकी मौत को कॉलेज प्रशासन ने गंभीरता से नहीं लिया। जब वो यहां आया था, तब उसने कहा था कि वह यहीं एसआरशिप लेकर सैटल हो जाएगा। लेकिन अब वही सपना अधूरा रह गया है।

इस बीच, रेजिडेंट हड़ताल का असर सीधे तौर पर आरएनटी मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों पर देखने को मिल रहा है। एमबी अस्पताल, जनाना अस्पताल, टीबी अस्पताल, सेटेलाइट हॉस्पिटल्स समेत सभी संस्थानों में चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हैं। ऑपरेशन थियेटर (ओटी), इमरजेंसी, लेबर रूम और आईसीयू सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। नियमित आउटडोर (OPD) सेवाओं में भी भारी अव्यवस्था है।

सामान्यतः जहां एक विभाग में 4 से 5 रेजिडेंट मरीजों को देखते थे, अब वहां सिर्फ एक सीनियर डॉक्टर के भरोसे सभी मरीजों को देखा जा रहा है। परिणामस्वरूप मरीजों को 2 से 3 घंटे तक लंबी कतारों में इंतजार करना पड़ रहा है।

रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना है कि प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। न तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई है, न ही पीड़ित परिवार को कोई संतोषजनक जवाब मिला है। भूख हड़ताल पर बैठे रेजीडेंट्स ने स्पष्ट कहा है कि अगर मांगे जल्द नहीं मानी गईं तो आंदोलन और तेज होगा और यह पूरे प्रदेश स्तर पर फैल सकता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता