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सिरसा, 25 जून (हि.स.)। चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा के कुलपति प्रो. विजय कुमार ने कहा कि शिक्षा केवल नौकरी पाने का माध्यम नहीं, बल्कि समाज में परिवर्तन लाने का सशक्त उपकरण है। कुलपति बुधवार को विश्वविद्यालय के टैगोर एक्सटेंशन हॉल में विभिन्न विभागों एवं यूनिवर्सिटी स्कूल फॉर ग्रेजुएट स्टडीज में कार्यरत अनुबंधित सहायक प्राध्यापकों को विश्वविद्यालय के सतत विकास, शिक्षण गुणवत्ता और उच्च शिक्षा के उन्नयन के लिए प्रेरित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि जो शिक्षक निष्ठा, समर्पण और नवाचार के साथ कार्य करता है, वह न केवल विद्यार्थियों का भविष्य संवारता है, बल्कि स्वयं की भी पहचान गढ़ता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की समग्र शैक्षणिक, मानसिक, भावनात्मक एवं नैतिक उन्नति सुनिश्चित करना शिक्षकों का प्रमुख दायित्व है। इस दिशा में अनुबंधित प्राध्यापकों की भूमिका भी उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितनी नियमित शिक्षकों की।
उन्होंने कहा कि इस प्रतिस्पर्धात्मक युग में सूचना प्रौद्योगिकी व मीडिया टूल्स का प्रयोग अत्यंत आवश्यक है। ऐसे शिक्षक जो आधुनिक तकनीकों का प्रयोग कर अध्यापन करते हैं, वे विद्यार्थियों से बेहतर संवाद स्थापित कर पाते हैं और उन्हें 21वीं सदी के कौशलों से लैस कर पाते हैं। कुलपति ने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे शोध व नवाचार को अपने शिक्षण का अभिन्न अंग बनाएं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप अब उच्च शिक्षा संस्थानों का दायित्व केवल ज्ञान-संचार तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि उनका कार्य मल्टीडिसिप्लिनरी, स्किल-बेस्ड, वैल्यू-ओरिएंटेड एवं रिसर्च-इंसेंटिव एजुकेशन को बढ़ावा देना भी है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि विश्वविद्यालय प्रशासन अनुबंधित प्राध्यापकों की समस्याओं को गंभीरता से लेता है और उनके उचित समाधान के लिए कृतसंकल्प है।
हिन्दुस्थान समाचार / Dinesh Chand Sharma