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जयपुर, 25 जून (हि.स.)। अब माटी कला कामगार अब बेरोजगार नहीं रहेगा इसके लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश में मिट्टी का कार्य करने वाले कारीगरों एवं शिल्पियों के व्यवसाय में वृद्धि करने, कामगारों के परंपरागत कला को संरक्षित और संबर्धित करते हुए उनकी सामाजिक सुरक्षा, आर्थिक सुदृढ़ता तकनीकी विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के 2000 कामगारों को इलेक्ट्टिक चाक व मिटटी गूंथने की मशीन वितरण की बजट घोषणा की है। यह बात श्रीयादे माटी कला बोर्ड, राजस्थान सरकार के अध्यक्ष प्रहलाद राय टाक ने बुधधार काे बोर्ड द्वारा आयोजित माटी कला जागरूकता शिविर में कही।
श्रीयादे माता सभा भवन इंदिरा कॉलोनी में आयोजित इस जागरूकता शिविर में उन्होंने कहा कि माटी कामगारों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने की योजना के तहत बजट वर्ष-2025-26 की घोषणा के अंतर्गत इलेक्ट्टिक चाक व मिट्टी गूंथने की मशीन के लिए पात्र लोगों के चयन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। इसके तहत जिले की पांच विधानसभा क्षेत्र से प्रत्येक में 10-10 लोगों का लॉटरी के जरिए चयन किया गया।
प्रहलाद टाक ने कहा कि माटी कामगारों को उनके उत्पादों के विपणन आदि की सुविधा उपलब्ध कराने, परंपरागत उद्योगों को नवाचार के माध्यम से संरक्षित एवं संबर्द्धित करते हुए अधिकाधिक लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राजस्थान सरकार ने श्रीयादे माटीकला बोर्ड का गठन किया है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रानिक चाक के माध्यम से प्रतिदिन आठ घंटे में चार से पांच हजार तक कुल्हड़ तैयार होंगे। इसे बेचकर चार से पांच हजार की आमदनी होगी। उन्होंने कुम्हारों को व्यवसाय के नए ट्रेडिंग व पैकेजिंग पर जोर दिया। टाक ने बताया कि शादी विवाह व अन्य समारोह में माल व बड़े स्तरों पर काफी चाय, लस्सी आदि के लिए डिजाईनर कुल्हड़, ग्लास को पसंद किया जा रहा है। अब कामगारों को समय व आवश्यकता के अनुसार अपने परंपरागत व्यवसाय में नवाचार पहल करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में पांचों विधानसभा क्षेत्रों से बड़ी संख्या में माटी कला से जुड़े कामगारों ने भाग लिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश