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सोनीपत में आयुष चिकित्सक का पंजीकरण रद्द, एफआईआर दर्ज
दादरी के पूर्व सीएमओ व भिवानी में एसएमओ चार्जशीट
चंडीगढ़, 24 जून (हि.स.)। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की सख्त निगरानी के निर्देश देते हुए कहा कि जिन क्षेत्रों में अवैध गर्भपात की रिपोर्ट की जा रही है, वहां के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए। एसीएस ने भिवानी के सीएचसी-गोपी के कार्यवाहक एसएमओ को उनके क्षेत्र में कम लिंगानुपात के कारण चार्जशीट करने का निर्देश दिया।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य टास्क फोर्स (एसटीएफ) की बैठक में यह निर्देश दिए गए। बैठक में बताया गया कि पिछले सप्ताह के दौरान एमटीपी किट की अवैध बिक्री पर राज्यभर में 28 निरीक्षण किए गए, जिनमें 1 दुकान को सील किया गया और दो एफआईआर दर्ज की गईं। सोनीपत के खरखौदा में एक आयुष चिकित्सक का पंजीकरण रद्द कर दिया गया और अवैध गर्भपात प्रथाओं के लिए उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
बैठक में बताया गया कि हरियाणा में लिंगानुपात इस वर्ष 1 जनवरी से लेकर 23 जून तक बढक़र 906 हो गया, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 902 था। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने अवैध गर्भपात करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया, साथ ही अधिकारियों को कहा कि यदि कोई डॉक्टर इसमें संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, जिसमें लाइसेंस रद्द करना भी शामिल है।
टास्क फोर्स ने लिंगानुपात निगरानी से संबंधित कार्यों में उचित कार्रवाई नहीं करने पर दादरी के पूर्व सीएमओ डॉ. राजविंदर मलिक को चार्जशीट करने का फैसला किया। इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं से जुड़ी सहेली के कामकाज-खासकर जहां गर्भपात की घटनाएं रिपोर्ट की गई हैं,की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए बारीकी से निगरानी की जाएगी। इसके अलावा, शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) अवैध गर्भपात प्रथाओं को रोकने के प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल होंगे। इस उद्देश्य के लिए, प्रवर्तन और जागरूकता पहलों का समर्थन करने के लिए यूएलबी से नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा