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जयपुर, 24 जून (हि.स.)। जयपुर विकास प्राधिकरण ने 17 करोड़ रुपये की लागत से गोनेर रोड पर ड्रेनेज लाइन डाली थी लेकिन जलभराव की समस्या दो साल में ही फिर से उठ खड़ी हुई है। सड़क पर पानी भरने से दुकानदारों का कारोबार प्रभावित हो रहा है। व्यापारियों का कहना है कि जेडीए ने जो ड्रेनेज लाइन डाली थी उसमें कई खामियां छोडी गई है जो कि अब परेशानी का सबब बन गई है। ड्रेनेज लाइन से कुछ जगहों पर बीसलपुर लाइन गुजर रही है इससे ड्रेनेज लाइन की चौडाई कम होने से पानी की निकासी ठीक प्रकार से नहीं हो पा रही है। इस बात को जेडीए के अधिकारी दबी जुबान से स्वीकार भी रहे है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गोनेर रोड बाशिंदे जलभराव की समस्या से जूझ रहे थे। इसी का निस्तारण करने के लिए जेडीए ने साल 2023 में खानिया तिराहे से गोनेर पुलिया तक ड्रेनेज लाइन डाली थी। 10 किलोमीटर ड्रेनेज लाइन बनाने में जेडीए ने 17 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इस परियोजना का उद्देश्य गोनेर रोड पर जलभराव की समस्या को हल करना है, जिससे लगभग 100 कॉलोनियों को लाभ मिलना था लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। लेकिन एक साल तो सब कुछ ठीक चला, उसके बाद फिर से जलभराव की समस्या खड़ी हो गई। बारिश आते ही गोनेर रोड पर एक से दो फीट तक पानी भर जाता है। बारिश के बाद जलभराव के चलते स्थानीय लोग, व्यापारी सहित वाहन चालक परेशान हो उठते है। कई बार बारिश का पानी दुकानों में घुस चुका है। इससे उनको नुकसान भी उठाना पड़ा है। इस ड्रेनेज लाइन से वार्ड 120, 121, 123 और 124 के लोगों को राहत मिलनी थी, लेकिन समस्या बरकरार है। । जेडीए ने ड्रेनेज लाइन बनाने के लिए आरसीसी के प्रीकास्ट बॉक्स डाले थे।
ग्रेटर निगम के वार्ड 120 के पार्षद छोटूराम मीणा ने बताया कि जेडीए ने ड्रेनेज लाइन के काम में लापरवाही बरती है। कई जगहों वर्तमान में ड्रेनेज लाइन जमीन के ऊपर ही रखी है। ड्रेनेज लाइन के ऊपर मिट्टी डाली गई है जिसमें बारिश के दौरान लगातार कटाव भी आ रहा है। जेडीए की लापरवाही से आमजनता के 17 करोड़ पानी में बह गए। इस मामले की जांच होनी चाहिए और दोषी पाए जाने पर सम्बंधित अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
लूनियावास व्यापार मंडल गोनेर रोड के अध्यक्ष मुकुट बिहारी शर्मा ने बताया कि जेडीए ने जोन 10 में गोनेर रोड पर खानिया बंधा कल्लू होटल से आसाराम आश्रम गोनेर रोड के लिए ड्रेनेज सिस्टम सुधारने के लिए 17 करोड रुपये की लागत से ड्रेनेज का नाला बनाया था जो छोटी सी बरसात में ही फेल हो जाता है और रोड पर पानी की नदी बहने लगी है। इससे दुकानों में पानी भर जाता है। जेडीए अधिकारियों की लापरवाही या खामी की वजह से ड्रेनेज सिस्टम फेल हो गया है। ड्रेनेज का काम तत्कालीन एक्सईएन पूजा सोनी और एईएन रीना की देखरेख में हुआ था। दोनो अधिकारियों ने कम्पनी को छूट देने के साथ अपने कार्यालय में ही बैठकर सारा काम करवाया है। जिसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है।
निर्माण के दौरान छोड़ी खामियां, अब लिया विकाराल रुप
खास बात यह है कि ड्रेनेज लाइन बनाने के दौरान जेडीए और निर्माणकर्ता फर्म ने कई खामियां छोड़ दी थी। निर्माण के दौरान फर्म के कुछ जगहों पर ड्रेनेज लाइन को धरती के ऊपर रखकर मिट्टी डाल दी थी। तेज बारिश के बाद एक जगह से ड्रेनेज लाइन बह गई थी। हालांकि वर्तमान में ही ड्रेनेज लाइन कुछ इसी हालात में है। ड्रेनेज लाइन की मिट्टी में लगातार कटाव आ रहा है। आने वाले समय में फिर से ड्रेनेज लाइन का हिस्सा बह सकता है। कुछ जगहों पर ड्रेनेज लाइन के बॉक्स नजर आ रहे है। उनके ऊपर से मिट्टी कटकर बह चुकी है। इसके अलावा निर्माणकर्ता कम्पनी ने पीएचईडी की लाइन की वजह से 10 किलोमीटर लम्बी ड्रेनेज लाइन की चौडाई कम कर दी। इससे तेज बारिश के दौरान कम जगह वाले स्थान से पानी पूरी तरह से निकल नहीं पाता है। इससे बाजार और सड़क पर जल भरने लग जाता है।हालांकि बारिश रुकने के एक घंटे बाद पानी पूरी तरह से निकल जाता है।
इस संबंध में तत्कालीन एक्सईएन, जोन-10 पूजा सोनी का कहना है कि ड्रेनेज लाइन को चैक करवा रहे है। आखिर किस वजह से सड़कों पर पानी भर रहा है। हमने निर्माण में कोई खामी नहीं छोड़ी है। हालांकि कुछ जगहों से पीएचईडी की लाइन ड्रेनेज से लाइन को क्रॉस कर रही है। ड्रेनेज लाइन की निगम से सफाई करवा रहे है। अधिकारियों को मौके पर जांच करने के लिए भेजा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश