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जयपुर, 24 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के बीच मंगलवार को फोन पर भिवाड़ी में पानी निकासी की समस्या के समाधान तथा यमुना जल समझौते की प्रगति पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई। इसे देखते हुए यमुना जल लाने की महत्त्वाकांक्षी योजना के तहत इसी माह राजस्थान व हरियाणा द्वारा संयुक्त रूप से पाइपलाइन के लिए जमीनी अलाइनमेंट सर्वे कार्य प्रारंभ कर दिए जाने की संभावना बनी है। इसी तरह, भिवाड़ी क्षेत्र में बांधों में वर्षा जल संग्रहण और शोधित जल को पृथक रूप से भिवाड़ी इंटीग्रेटेड डवलपमेंट द्वारा उपयोग में लिए जाने पर भी काम किया जाएगा।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि भिवाड़ी क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के कारण वर्षा ऋतु में जल निकासी की समस्या उत्पन्न होती है क्योंकि प्राकृतिक बहाव हरियाणा की दिशा में होता है। इस संदर्भ में दोनों राज्यों के बीच सकारात्मक सहमति बनी है और समस्या के निर्विवाद समाधान की दिशा में ठोस प्रगति हुई है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र के अपशिष्ट जल के पूर्ण शोधन की व्यवस्था सुनिश्चित कर दी गई है तथा इसकी कठोर अनुपालना की जा रही है। औद्योगिक इकाइयों से प्राप्त शोधित स्वच्छ जल का सदुपयोग सुनश्चित करने हेतु भिवाड़ी इंटीग्रेटेड डवलपमेंट अथॉरिटी (बीडा) द्वारा डीपीआर तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि वर्षा काल में इस जल के साथ वर्षा जल भी मिल जाता है, जिससे जल भराव की स्थिति उत्पन्न होती है। इसके समाधान के लिए औद्योगिक इकाइयों के शोधित जल और वर्षा जल को मिलने से रोकने हेतु जल संसाधन विभाग व बीडा द्वारा संयुक्त अध्ययन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भिवाड़ी क्षेत्र में वर्षा जल की निकासी एवं संग्रहण के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा 5 ऐसे बांधों की पहचान की गई है, जिनमें स्वयं के जलग्रहण क्षेत्र से वर्षा जल नहीं आता है, लेकिन इन्हें जल भण्डारण के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है। लगभग 250 एमसीएफटी भराव क्षमता वाली इस संग्रहण प्रणाली हेतु प्रारंभिक सर्वेक्षण एवं उपदेयिता रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
इसके अतिरिक्त, दोनों मुख्यमंत्रियों के मध्य हथनीकुंड बैराज से यमुना जल राजस्थान लाने की योजना पर भी चर्चा हुई। इस विषय पर पहले से दोनों राज्यों के बीच समझौता हो चुका है कि एक संयुक्त डीपीआर तैयार की जाएगी। मुख्यमंत्री ने संयुक्त डीपीआर हेतु कंसल्टेंट का चयन कर कार्यादेश इस माह के अंत तक जारी किए जाने हेतु निर्देशित किया है ताकि मानसून काल का उपयोग वास्तविक रूप से अलाइनमेंट सर्वे आदि के लिए किया जा सके। उन्होंने आगामी छह माह में डीपीआर तैयार कर इस काम की ठोस कार्य योजना तैयार करने के भी निर्देश दिए हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / अखिल