फरीदाबाद: लावारिस गौवंश को गौशाला में शिफ्ट करने का काम हुआ पूरा
फरीदाबाद, 24 जून (हि.स.)। फरीदाबाद में सडक़ों पर घूमने वाले गौवंश को अब भूपानी गौशाला के अलावा बल्लभगढ़ की ऊंचा गांव स्थित गोपाल गौशाला में भी सडक़ों से पकडक़र शिफ्ट किया गया। ऊंचा गांव गौशाला बल्लभगढ़ से तीन सौ गोवंश को संघेल गौशाला नूंह में शिफ्ट किया
गौवंश को गौशाला ले जाते निगम कर्मचारी


फरीदाबाद, 24 जून (हि.स.)। फरीदाबाद में सडक़ों पर घूमने वाले गौवंश को अब भूपानी गौशाला के अलावा बल्लभगढ़ की ऊंचा गांव स्थित गोपाल गौशाला में भी सडक़ों से पकडक़र शिफ्ट किया गया। ऊंचा गांव गौशाला बल्लभगढ़ से तीन सौ गोवंश को संघेल गौशाला नूंह में शिफ्ट किया गया है, जिसके चलते अब सडक़ों पर घूमने वाले गोवंश को ऊंचा गांव गौशाला में भी ले जाया जाएगा, जिससे सडक़ों पर गोवंश की वजह से आने वाली परेशानी से लोगों को छुटकारा मिलेगा। बल्लभगढ़ की ऊंचा गांव गौशाला में भी अब गोवंश को रखने के लिए पर्याप्त स्थान की व्यवस्था की जा रही है, जिसके चलते यहां अतिरिक्त गौवंश को नूंह स्थित गौशाला में शिफ्ट किया गया। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के दिशा निर्देश अनुसार और शहरी निकाय मंत्री विपुल गोयल के आदेश पर एवं व्यक्तिगत सहयोग से तीन सौ गोवंश को नूंह गौशाला में भेजा गया है। निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर नीतीश परवाल ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि नगर निगम कमिश्नर धीरेंद्र खडग़टा के निर्देश अनुसार सरकार के आदेशों पर अमल करते हुए पुलिस सुरक्षा और पशु चिकित्सकों की देखरेख में करीब तीन सौ गाय गौशाला भेजी गई है। उन्होंने बताया कि शहरी निकाय मंत्री विपुल गोयल द्वारा गायों को भेजने के लिए यातायात सुविधा भी व्यक्तिगत सहायता से उपलब्ध करवाई गई। गौशाला ऊंचा गांव बल्लभगढ़ में गायों की संख्या लगभग 420 थी जो कि व्यवस्था के हिसाब से अत्यधिक थी, जिसकी वजह से गौशाला में मृत्यु दर बढ़ रही थी उसी को देखते हुए गोवंश को संघेल गौशाला नूंह भेजा गया है। यह कार्य पांच जून को आरंभ हुआ और 24 जून यानी मंगलवार को पूर्ण किया गया। इस कार्य में पशु पालन विभाग की डॉ.तरुना खेमानी ने बतौर नोडल अधिकारी विशेष भूमिका निभाई और उनके टेक्निकल सुपरविजन में ये कार्य किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार / -मनोज तोमर