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झज्जर, 24 जून (हि.स.)। नागरिक अस्पताल बहादुरगढ़ में कार्यरत आयुष चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुमन देशवाल ने लोगों को स्थाई स्वस्थ तन और मन के लिए आयुष चिकित्सा पद्धति अपनाने की सलाह दी है। डॉ. सुमन देशवाल ने मंगलवार को कहा कि वर्तमान दौर में भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति आयुष, विशेषकर पंचकर्म चिकित्सा विभिन्न बीमारियों के एक सशक्त समाधान के रूप में उभर रही है।
शरीर, मन और आत्मा के समग्र स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कार्य करने वाली यह चिकित्सा प्रणाली न केवल बीमारियों के उपचार में सहायक है, बल्कि रोगों से बचाव, प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि और जीवन की गुणवत्ता सुधारने में भी प्रभावशाली सिद्ध हो रही है। इसी दिशा में, आयुष विंग बहादुरगढ़ में पंचकर्म चिकित्सा का अत्यंत सफल संचालन करते हुए लोगों को अनेक बीमारियों से उपचार प्रदान करते हुए स्वस्थ जीवन प्रदान किया जा रहा है।
डॉ सुमन देशवाल ने बताया कि डीसी स्वप्निल रविंद्र पाटिल के दिशा-निर्देशन में कार्य करते हुए आयुष विंग में विभिन्न प्रकार की शुद्धिकरण और उपचार प्रक्रियाएं अपनाकर रोगियों को विशेष लाभ प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पुरानी बीमारियों, प्रतिरक्षा विकारों, तथा जीवनशैली जनित रोगों का यहां जिन्हें पंचकर्म चिकित्सा के माध्यम से इलाज किया जा रहा है। प्रमुख पंचकर्म प्रक्रियाएं बस्ती, शिरोधारा, वामन चिकित्सा, विरेजना चिकित्सा, अग्निकर्म, रक्तमोक्षण व विद्ध कर्म आदि प्रमुख पंचकर्म प्रक्रियाएं जो केंद्र में संचालित हो रही हैं।
आयुष विंग बहादुरगढ़ का यह प्रयास न केवल चिकित्सा के क्षेत्र में बल्कि जनजागरूकता और स्वास्थ्य-प्रोत्साहन की दिशा में भी सराहनीय है। यहाँ आने वाले रोगियों की संख्या निरंतर बढ़ रही है, जो आयुर्वेदिक पद्धति पर उनके भरोसे को दर्शाती है। आयुष विंग द्वारा आमजन से आह्वान किया गया है कि वे आयुर्वेद और पंचकर्म चिकित्सा का लाभ उठाएं, और स्वयं को न केवल रोगमुक्त बल्कि स्वस्थ, संतुलित और सक्रिय जीवन की ओर अग्रसर करें।
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हिन्दुस्थान समाचार / शील भारद्वाज