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भीलवाड़ा, 24 जून (हि.स.)। जिले के बनेड़ा थाना क्षेत्र के लांबिया खुर्द गांव में मंगलवार को दर्दनाक हादसे में 14 वर्षीय बालक की खदान में डूबने से मौत हो गई। बालक अपने दोस्तों के साथ बकरियां चराने गया था। इसी दौरान नहाने के लिए खदान के पानी में उतरा, लेकिन पैर फिसलने से गहराई में चला गया और डूबने से उसकी मौत हो गई।
मृतक की पहचान कालू (14) पुत्र नंदराम बेरवा निवासी लांबिया खुर्द के रूप में हुई है। कालू 9वीं कक्षा का छात्र था और हाल ही में 10वीं में प्रवेश लिया था। जानकारी के अनुसार कालू सोमवार को गांव के पास स्थित एक खदान के पास दोस्तों के साथ बकरियां चरा रहा था। गर्मी के चलते सभी बालक खदान के ठंडे पानी में नहाने उतर गए। इस दौरान कालू का पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में चला गया।
उसके साथ नहा रहे दो अन्य बालकों ने जब उसे डूबते देखा तो वे तुरंत बाहर निकलकर गांव पहुंचकर परिजनों को सूचित किया। सूचना मिलते ही ग्रामीण और परिजन मौके पर पहुंचे और पानी में डूबे कालू की तलाश शुरू की। कुछ समय बाद बालक को बाहर निकालकर उसे गंभीर हालत में बनेड़ा सीएससी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सूचना पर बनेड़ा थाना प्रभारी मूलचंद मय जाप्ते के मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों की सहायता से बालक का शव बाहर निकलवाया और अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंपा। थाना प्रभारी मूलचंद ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
इस दुखद हादसे के बाद पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। मृतक बालक के माता-पिता, बहनें और छोटा भाई घटना के बाद से बेसुध हैं। कालू के पिता खेती-बाड़ी कर परिवार का पालन करते हैं। बालक पढ़ाई में होनहार था और 10वीं कक्षा में आया था। उसकी असमय मौत ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है।
खतरनाक बनी खदानें, प्रशासन मौन--
गौरतलब है कि इस क्षेत्र में कई पुरानी व असुरक्षित खदानें हैं जिनमें बारिश का पानी भर जाने से वे गहरे जलाशयों में तब्दील हो जाती हैं। बच्चों व ग्रामीणों के लिए ये खदानें जानलेवा साबित हो रही हैं। पूर्व में भी ऐसे हादसे सामने आ चुके हैं, इसके बावजूद प्रशासनिक स्तर पर कोई सुरक्षा उपाय या चेतावनी बोर्ड नहीं लगाए गए हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसी खदानों को चिन्हित कर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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हिन्दुस्थान समाचार / मूलचंद