हिसार : ग्वार में उखेड़ा बीमारी की रोकथाम मात्र 15 रुपये के बीजोपचार से संभव : डाॅ. बीडी यादव
चिड़ौद गांव में ग्वार फसल पर प्रशिक्षण शिविर आयोजितहिसार, 20 जून (हि.स.)। खरीफ सीजन को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र में ग्वार की अधिक बिजाई करके तथा उत्पादकता बढ़ाने के मकसद से जिले के गांव चिड़ोद में ग्वार फसल पर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इसमें
किसानों को बीजोपचार की जानकाकरी देते डॉ. बीडी यादव।


चिड़ौद गांव में ग्वार फसल पर प्रशिक्षण शिविर आयोजितहिसार, 20 जून (हि.स.)। खरीफ सीजन को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र में ग्वार की अधिक बिजाई करके तथा उत्पादकता बढ़ाने के मकसद से जिले के गांव चिड़ोद में ग्वार फसल पर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इसमें किसानों को सही समय पर बिजाई, बीजोपचार, संतुलित खाद का प्रयोग व अनावश्यक खरपतवारनाशक दवाई के प्रयोग न करने पर जानकारी दी गई। यह शिविर कृषि विभाग केे तत्वावधान में ग्वार विशेषज्ञ डाॅ. बीडी यादव द्वारा शुक्रवार काे संयुक्त रूप से किया गया। कृषि विकास अधिकारी डाॅ. अमरजीत लांबा ने अपनी देखरेख में शिविर चलाया। कृषक गोष्ठी में ग्वार विशेषज्ञ डाॅ. बीडी यादव ने ग्वार की दो मुख्य बीमारी जड़गलन व फंगस की रोकथाम के बारे में किसानों को जानकारी दी और कहा कि गांव में इस तरह की ट्रेंनिग करना किसानों के हित में है। उन्होंने बताया कि उखेड़ा (जड़गलन) रोग के लक्षणों में बीमारी के शुरूआती लक्षण पत्तें पीले पड़ने शुरू हो जाते हैं तथा पौधे धीरे-धीरे मुरझाकर सुख जाते हैं। इस बीमारी की रोकथाम के लिए तीन ग्राम कार्बन्डाज़िम 50 प्रतिशत (बेविस्टीन) प्रतिकिलो बीज की दर से सुखा उपचारित 15-20 मिनट तक करने के बाद ही बिजाई करनी चाहिए। ऐसा करने से 80 से 95 प्रतिशत इस रोग पर काबू पाया जा सकता है जो भूमि के किस्म पर निर्भर करता है। जड़गलन रोग का इलाज मात्र 15 रुपये बीज उपचार से संभव है। इस बीमारी की रोकथाम में बीज उपचार ही एक मात्र समाधान है जो कि सस्ता और सरल उपाय है जिसको गरीब से गरीब किसान भी कर सकता है।प्री मानसून या मानसून आने पर किसान पूरी करें ग्वार की बिजाईडाॅ. यादव ने किसानों को उन्नतशील किस्में एचजी 365, एचजी 563, एचजी 2-20 बोने की सलाह दी, ये किस्में 85 से 110 दिन की अवधि में पक जाती हैं, तथा इसके बाद सरसों की फसल आसानी से ली जा सकती है। इस क्षेत्र में ज्यादातर बारिश हो चुकी है और काफी किसान ग्वार की बिजाई कर चुके हैं। जिस क्षेत्र में अभी बारिश नहीं हुई है वे बाकि बची हुई बिजाई प्री-मानसून या मानसून आने पर पूरी कर लें। इस अवसर पर डाॅ. अमरजीत लांबा ने बताया इस शिविर का मुख्य उद्धेष्य किसानों को बीज उपचार तथा ग्वार की पैदावार बढ़ाने की तकनीक के बारे में प्रेरित करना है। उन्होंने किसानों से कहा बिजाई से पहले अपने खेत की मिट्टी व पानी की जांच अवश्य करवायें। उन्होंने किसानों को फसल बीमा योजना, मेरी फसल व मेरा ब्यौरा के बारे जानकारी दी। शिविर में 86 मौजूद किसानों को बीज उपचार के लिए दो एकड़ की वेबिस्टिन दवाई, एक मास्क तथा एक जोड़ी दस्ताने हिन्दुस्तान गम् एण्ड कैमिकल्स भिवानी की तरफ से मुफ्त दी गई। प्रश्नोतरी सभा में सही जबाव देने पर इनाम भी दिये गए। इस प्रोग्राम को आयोजन करने में गांव के प्रगतिशील किसान रमेश श्योरान ने विशेष भूमिका निभाई। इसके अलावा इस अवसर रामस्वरूप, सुभान, अजीत राजपूत, विजयसिंह, विनोद, रामपाल व मदन सिंह आदि किसान मौजूद थे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर