फिल्म एल्बम निर्माता सुनील यादव की गिरफ्तारी पर रोक
इलाहाबाद हाईकाेर्ट


-राज्य सरकार से कोर्ट ने मांगा जवाब, शिकायतकर्ता सुष्मिता यादव को नोटिस

प्रयागराज, 02 जून (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एलबम फिल्म निर्माता सुनील यादव की कोतवाली देवरिया में दर्ज आपराधिक मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

कोर्ट ने शिकायतकर्ता सुष्मिता यादव को नोटिस जारी की है। याचिका की अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ तथा न्यायमूर्ति आर एम एन मिश्र की खंडपीठ ने सुनील यादव के अधिवक्ता को सुनकर दिया है।

याची का कहना है कि ब्लैकमेलिंग का गैंग है, जो लोगों को झूठे केस में फंसाकर धन की उगाही करता है। इसलिए एफआईआर रद्द की जाय। मालूम हो कि सोनदा निवासी सुष्मिता यादव अपने भाई सूर्य कुमार यादव, बहन अनुपमा यादव के साथ रहते हैं। एफआईआर दर्ज कर याची पर आरोप लगाया कि वह शिकायतकर्ता की बहन अनुपमा यादव से प्रेम करता है। 19 फरवरी 25 को याची उसके घर पर आया और बोला कि वह नेपाल शादी की शापिंग करने जा रहा है। कार में अनुपमा को साथ ले गया।

बाद में अनुपमा का फोन आया कि याची उसे नेपाल नहीं बिहार ले आया है। इसके बाद फोन बंद हो गया। याची को फोन करने की कोशिश की किंतु नहीं उठाया। 22 फरवरी 25 को याची ने फोन उठाया और बताया अनुपमा उसके साथ नहीं है। आशंका जताई कि या तो 25 साल की अनुपमा को बेच दिया या मार दिया है।

याची के अधिवक्ता का कहना था कि वह चैनल के लिए एलबम बनाता है। फिल्म लेखक रमेश गुप्ता एक दिन 2024 में अनुपमा के साथ याची से मिले। अनुपमा ने उसे फिल्म में काम करने का प्रस्ताव किया। उसने हामी भर दी। याची ने अनुपमा से एलबम में काम करने के लिए कहा। अनुपमा ने उससे पैसे मांगे। कुल छह-सात लाख रुपए दिया। किंतु एलबम में काम नहीं किया।

जब पैसा वापस करने या एलबम में काम करने का दबाव बनाया तो धमकाने लगी और अपने आदमी भेजे, जिन्होंने याची की पत्नी से छेड़छाड़ और मारपीट की। जिसका केस कोर्ट के आदेश पर सारनाथ, थाना वाराणसी में दर्ज है। इसके बाद याची को फर्जी मुकदमे में फंसा दिया है।

याची का आरोप है कि सुष्मिता यादव व अन्य का रैकेट है जो आम लोगों को फंसाकर धन उगाही करता है। ऐसे ही आरोप में मनोज यादव व मनीष यादव ने 2 नवम्बर 23 को चौबेपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।

अनुपमा यादव को एलबम में रोल दिया, पैसे दिए और काम से इंकार करने पर पैसे वापस मांगे तो 23 फरवरी 25 को कोतवाली देवरिया में झूठा केस दर्ज कराया है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे