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पानीपत, 19 जून (हि.स.)। राष्ट्रीय तम्बाकू नियन्त्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत गुरुवार को प्रशासन ने इससे होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक किया। बताया गया कि तंबाकू के सेवन से मरने वालों की संख्या दो हजार दो सौ व्यक्ति प्रतिवर्ष है।
जिला उपायुक्त डॉ वीरेंद्र कुमार दहिया ने बताया कि कोटपा एक्ट के अन्तर्गत किसी भी सार्वजनिक स्थल जैसे अस्पताल, रेलवे स्टेशन, शिक्षण संस्थान, अदालती इमारत, होटल, पार्क, गेस्ट हाउस, ढाबे, पुस्तकालय, स्टेडियम, बस स्टैंड, बस स्टॉप, बैंक आदि पर धूम्रपान करना कानूनन जुर्म है। इस एक्ट की अवहेलना करने पर 200 रुपये तक का जुर्माना किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस कानून के तहत उपरोक्त सभी सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान निषेध क्षेत्र का बोर्ड लगाना अनिवार्य है तथा बोर्ड पर स्थान के मुखिया का नाम व नम्बर अंकित होना भी आवश्यक है।
तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. ललित कुमार ने बताया कि कोटपा सेक्शन-6 ए के अनुसार किसी भी नाबालिग को तम्बाकू उत्पाद बेचना या उससे बिकवाना दण्डनीय अपराध है। तम्बाकू विक्रेता इस बात को भी सुनिश्चित करे कि जिसे वह तम्बाकू उत्पाद बेच रहा है वह 18 वर्ष से कम आयु का न हो। इस एक्ट के अनुसार विक्रेता को अपनी दुकान पर एक चेतावनी बोर्ड भी लगाना अनिवार्य है, जिस पर लिखा हो कि 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को तम्बाकू पदार्थ बेचना दंडनीय अपराध है। उन्होंने बताया कि प्रतिवर्ष विश्व में लगभग 55 लाख व्यक्ति तम्बाकू के कारण होने वाली बीमारियों से मृत्यु को प्राप्त होते हैं तथा 2200 से अधिक लोग भारत में तम्बाकू के कारण होने वाली बीमारियों से मरते हैं। इस अवसर पर एडीसी डा. पंकज यादव, सीईओ जिला परिषद डा. किरण सिंह. एसडीएम पानीपत मनदीप सिंह, एसडीएम इसराना नवदीप सिंह, सहित शिक्षा व स्वास्थय विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल वर्मा