रणथंभौर में प्रसिद्ध बाघिन ‘एरोहेड’ की मौत, ब्रेन ट्यूमर से जूझ रही थी एरोहेड
सवाई माधोपुर, 19 जून (हि.स.)। रणथंभौर नेशनल पार्क की जानी-मानी बाघिन एरोहेड (टी-84) की मौत हो गई। ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित एरोहेड ने गुरुवार को अंतिम सांस ली। हाल ही में वह तालाब में मगरमच्छ का शिकार करती नजर आई थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हु
रणथंभौर में प्रसिद्ध बाघिन ‘एरोहेड’


सवाई माधोपुर, 19 जून (हि.स.)। रणथंभौर नेशनल पार्क की जानी-मानी बाघिन एरोहेड (टी-84) की मौत हो गई। ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित एरोहेड ने गुरुवार को अंतिम सांस ली। हाल ही में वह तालाब में मगरमच्छ का शिकार करती नजर आई थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

बाघिन एरोहेड, रणथंभौर की चर्चित बाघिन ‘मछली’ की बेटी थी। मछली को ‘क्वीन ऑफ रणथंभौर’ और ‘क्रोकोडाइल हंटर’ के नाम से जाना जाता था। मां की ही तरह एरोहेड भी ताकतवर शिकारी मानी जाती थी और उसने भी मगरमच्छ का शिकार किया था। रणथंभौर के सीनियर गाइड शाकिर अली के अनुसार मछली ने कई बार शावकों को जन्म दिया और उनके वंशज आज सरिस्का समेत विभिन्न टाइगर रिजर्व में मौजूद हैं।

एरोहेड की मौत से कुछ ही घंटे पहले उसकी बेटी कनकटी (RBT-2507) को हमलावर प्रवृत्ति के कारण कोटा स्थित मुकंदरा टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया गया। बाघिन कनकटी ने पिछले दिनों रणथंभौर किले के पास दो जानलेवा हमले किए थे—एक में 7 वर्षीय बच्चे की मौत हुई थी, जबकि दूसरे हमले में वन विभाग का एक रेंजर की मौत हो गई थी।

सीसीएफ सुगनाराम ने पुष्टि की कि कनकटी को मुकंदरा में दरा के सॉफ्ट एनक्लोजर में रखा जाएगा। कुछ दिन मॉनिटरिंग के बाद उसे खुले जंगल में छोड़ा जाएगा। मुकंदरा रिजर्व में वर्तमान में तीन बाघ मौजूद हैं—एक नर एमटी-5 और दो मादा एमटी-6 व एमटी-7, जिसमें एमटी-7 को अभेड़ा से लाया गया था।

एरोहेड के एक अन्य नर शावक को पूर्व में केलादेवी अभयारण्य (करौली) में शिफ्ट किया गया था। कनकटी को सबसे पहले 25 जुलाई 2023 को रणथंभौर के जोन नंबर-2 में अपनी मां, बहन और भाई के साथ देखा गया था।

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हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर