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उदयपुर, 19 जून (हि.स.)। राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने गुरुवार को उदयपुर के उमरड़ा क्षेत्र स्थित पटेल फास्फोरस कंपनी पर अचानक छापा मार कर खाद की गुणवत्ता की जांच की। यह कंपनी सिंगल सुपर फास्फेट खाद का निर्माण करती है। मंत्री के मुताबिक फैक्ट्री में मिलावटी और घटिया गुणवत्ता की एसएसपी खाद तैयार की जा रही थी, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।
निरीक्षण के दौरान मंत्री ने स्वयं खाद के सैंपल हाथ में लेकर उनकी बनावट देखी और मौके पर ही मिलावट की पुष्टि की।
उन्होंने कहा कि खाद में घटिया क्वालिटी का रॉक फॉस्फेट और सल्फ्यूरिक एसिड डाला जा रहा है, जिससे यह खाद खेतों में उपयोग लायक नहीं रह जाता। इससे पहले मई महीने में लिए गए 11 सैंपल भी मानकों पर खरे नहीं उतरे थे।
मंत्री ने बताया कि 12 मई को लिए गए सैंपल में जहां 14.5% फास्फोरस तत्व होना चाहिए था, वहां केवल 8.5% पाया गया। इसी तरह 14 मई को 6.36% और 30 अप्रैल को 7.2% फास्फोरस ही निकला, जो पूरी तरह अमानक है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारत सरकार से मिलने वाली प्रति बैग 388 रुपये की सब्सिडी भी ये कंपनियां हड़प रही हैं।
कृषि मंत्री ने चेतावनी दी कि अब ऐसी फैक्ट्रियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, हम एसएसपी को प्रमोट करना चाहते हैं, लेकिन किसानों को लूटने की इजाज़त किसी को नहीं दी जाएगी। सभी कंपनियों को अपनी गुणवत्ता सुधारनी होगी।
मंत्री मीणा ने उमरड़ा क्षेत्र की पांच खाद फैक्ट्रियों पटेल फास्फोरस, रामा फास्फेट, प्रेम सखी, अदिशा-आईपीएल और खींचा फैक्ट्री का निरीक्षण किया और सभी जगह से सैंपल लेकर लैब टेस्ट के निर्देश दिए।
गौरतलब है कि डीएपी खाद की कमी को देखते हुए केंद्र सरकार ने एसएसपी को विकल्प के रूप में बढ़ावा दिया है और उस पर सब्सिडी भी दी जा रही है। लेकिन कुछ कंपनियां इसका अनुचित लाभ उठाकर किसानों को धोखा दे रही हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता