जैसलमेर: वाटर हॉल पद्धति से वन्यजीव गणना, 73 गोडावण समेत 6192 वन्यजीव दर्ज
जैसलमेर, 18 जून (हि.स.)। जैसलमेर व राष्ट्रीय मरु उद्यान क्षेत्र में इस वर्ष पारंपरिक वाटर हॉल पद्धति से वन्यजीवों की गणना की गई, जिसमें कुल 6192 वन्यजीव दर्ज किए गए। इनमें 73 गोडावण की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय रही। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलन
जैसलमेर में इस साल 20 प्रतिशत ज्यादा वन्यजीव नजर आए, वाटर हॉल पद्धति में 73 गोडावण दिखे


जैसलमेर, 18 जून (हि.स.)। जैसलमेर व राष्ट्रीय मरु उद्यान क्षेत्र में इस वर्ष पारंपरिक वाटर हॉल पद्धति से वन्यजीवों की गणना की गई, जिसमें कुल 6192 वन्यजीव दर्ज किए गए। इनमें 73 गोडावण की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय रही। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत अधिक है, जिससे वन्यजीवों की संख्या में वृद्धि के संकेत मिलते हैं।

प्रत्येक वर्ष वन विभाग वैशाख पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की उज्ज्वल रोशनी में वन्यजीवों की गणना करता है। इस बार भी ऐसी ही तैयारी की गई थी, लेकिन पश्चिमी विक्षोभ के कारण हुई बारिश से गणना स्थगित करनी पड़ी। इसके चलते यह प्रक्रिया ज्येष्ठ पूर्णिमा को संपन्न की गई। 10 जून की सुबह 8 बजे से लेकर 11 जून की सुबह 8 बजे तक वनकर्मियों ने विभिन्न जल स्रोतों के पास मचान बनाकर 24 घंटे तक वन्यजीवों का अवलोकन किया।

गर्मी के मौसम में वन्यजीवों के पानी पीने के समय को ध्यान में रखते हुए यह गणना की जाती है, जिसे विशेषज्ञों द्वारा काफी विश्वसनीय माना जाता है। इस बार वाटर हॉल पद्धति से की गई गणना में चिंकारा, लोमड़ी, मरु बिल्ली, मरु लोमड़ी, गिद्ध, सारस और मोर सहित अनेक प्रजातियों के वन्यजीव दर्ज किए गए। आंकड़ों के अनुसार, 2133 चिंकारा, 125 लोमड़ी, 120 मरु लोमड़ी, 47 मरु बिल्ली, 150 गिद्ध, 106 सारस और लगभग 250 मोर देखे गए।

जैसलमेर में वन विभाग को तीन भागों में विभाजित किया गया है – सामान्य वन विभाग, राष्ट्रीय मरु उद्यान (DNP) और डेजर्ट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (DDP)। इस बार डीएनपी क्षेत्र में 52 तथा DDP क्षेत्र में 6 जोनों के अंतर्गत कुल 24 वॉटर पॉइंट्स पर गणना की गई।

वर्ष 2023 में भी मौसम के प्रतिकूल प्रभावों के चलते वन्यजीव गणना वैशाख पूर्णिमा पर नहीं हो सकी थी और उसे ज्येष्ठ पूर्णिमा को संपन्न किया गया था। इस वर्ष भी वही स्थिति बनी रही, लेकिन प्राप्त आंकड़े संतोषजनक और उत्साहवर्धक रहे, विशेषकर गोडावण जैसे विलुप्तप्राय पक्षी की उपस्थिति वन्यजीव संरक्षण की दिशा में सकारात्मक संकेत देती है।

डीएफओ (डीएनपी) ब्रजमोहन गुप्ता के अनुसार इस वर्ष वाटर हॉल पद्धति से की गई वन्यजीव गणना में 73 गोडावण नजर आए, जो एक सुखद संकेत है। जैसलमेर के रामदेवरा व सम स्थित ब्रीडिंग सेंटरों में भी गोडावणों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है। एक समय यह संख्या 62 तक पहुंच गई थी, लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच हाल ही में उत्पन्न हुए तनाव को देखते हुए सुरक्षा कारणों से रामदेवरा से 5 और सम से 4 गोडावणों को अजमेर स्थित केंद्र में शिफ्ट कर दिया गया। इस स्थानांतरण के बाद फिलहाल जैसलमेर के दोनों ब्रीडिंग सेंटरों में कुल 53 गोडावण रह गए हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव