बोनस अंक नहीं देने पर नियुक्तियों पर अंतरिम रोक
jodhpur


आयुर्वेद कंपाउंडर-नर्स जूनियर ग्रेड 2024 भर्ती मामला: राज्य सरकार से जवाब तलब

जोधपुर, 14 जून (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने सामान्य श्रेणी के अंतिम कटऑफ से ज्यादा अंक होने के बावजूद नियुक्ति से वंचित करने को लेकर पेश हुई रिट याचिका की प्रारंभिक सुनवाई पर राज्य सरकार को तलब किया है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश सुनील बेनीवाल ने विज्ञापित पद पर कार्यानुभव होने के बावजूद बोनस अंक नहीं दिए जाने पर आयुर्वेद नर्स-कम्पाउण्डर भर्ती प्रक्रिया में नियुक्तियों पर भी अंतरिम रोक लगाई है। अब इस मामले में अगली सुनवाई सात जुलाई को होगी।

याचिकाकर्ता सौरव कुमार की ओर से अधिवक्ता यशपाल खि़लेरी और विनीता चांगल ने रिट याचिका पेश कर बताया कि याचिकाकर्ता विकलांग अभ्यर्थी है और विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 के प्रावधानों के तहत विशेष योग्यजन प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आवेदन किया था। जिस पर राज्य सरकार द्वारा गठित सक्षम मेडिकल बोर्ड ने विकलांग कानून के नियमानुसार विकलांग प्रमाण पत्र जारी किया। जिसमें 41 फीसदी लोकोमोटर डिसेबिलिटी अंकित की गई। तत्पश्चात उसने आयुर्वेद विभाग की कम्पाउण्डर-नर्स जूनियर ग्रेड की पिछली भर्ती-2021 में अपना आवेदन पीएच श्रेणी में पेश किया था। भर्ती एजेंसी डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर ने विकलांग व्यक्तियों का चयन प्रक्रिया के दौरान मेडिकल परीक्षण करवाया और चयन प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात भर्ती एजेंसी ने याचिकाकर्ता का नाम मेरिट में होने से नियुक्ति दिए जाने हेतु अनुशंसित किया गया। तत्पश्चात आयुर्वेद विभाग ने याचिकाकर्ता को नियुक्ति आदेश के अनुसरण में जॉइनिंग देने से पहले उसका मेडिकल बोर्ड से पुन: मेडिकल परीक्षण करवाया गया, जिसमं उसके 41 फीसदी विकलांगता आई और तत्पश्चात 28 जून 2022 को कम्पाउण्डर/ नर्स जूनियर ग्रेड द्वितिय पद पर जॉइन करवाया गया। उसने पांच जून 2024 तक लगातार उक्त पद पर सवैतनिक ड्यूटी की और छह जून 2024 को उसे सेवा से यह कहते हुए हटा दिया कि उसके तीसरी बार में एसएमएस अस्पताल जयपुर में हुए मेडिकल परीक्षण में उसकी नि:शक्तता 40 फीसदी से कम पाई जाने से अब वह पीएच वर्ग में नियुक्त होने के योग्य नहीं रहा है। उक्त विधिविरुद्ध आदेश को हाइकोर्ट में चुनोती दी गई है जो रिट याचिका विचाराधीन है। अब याचिकाकर्ता ने कम्पाउण्डर/नर्स जूनियर ग्रेड के कुल 650 पदों के लिए चल रही वर्तमान भर्ती प्रक्रिया 2024 में अपना आवेदन सामान्य ईडब्लूएस वर्ग में किया। चयन प्रक्रिया में दस्तावेज सत्यापन लिस्ट में नाम शामिल किया गया और अस्थायी मेरिट लिस्ट में क्रम संख्या 7 पर उसका नाम सम्मिलित किया गया लेकिन चाहा गया विहित प्रारूप में अनुभव प्रमाण पत्र 24 मई 2025 को पेश कर देने के बावजूद उसका नाम अंतिम अस्थायी चयन सूची में शामिल नहीं किया गया। पूछे जाने पर भर्ती एजेंसी ने मौखिक रूप से बताया कि पूर्व में की गई सेवा की कार्यावधि की गणना बोनस अंक देने के लिए उचित प्रतीत नहीं होती। इसलिए याचिकाकर्ता का पूर्व में किया गया कार्य अनुभव को जीरो बताकर चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया, जो कृत्य मनमाना, विधिविरुद्ध और असंवैधानिक है। याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि नियमित चयन प्रक्रिया में भाग लेकर चयन होने के बाद विज्ञापित पद पर किए गए कार्य अनुभव अवधि को बोनस अंक के लिए अविधिमान्य करना सरासर याचिकाकर्ता के साथ अन्यायपूर्ण और असंवैधानिक हैं। वर्तमान में याचिकाकर्ता बेरोजगार है और उसके प्राप्तांक अंतिम कटऑफ से ज्यादा है और आयुर्वेद विभाग अगले सप्ताह में नियुक्ति आदेश जारी करने की जल्दबाज़ी में है और ऐसे में अंतरिम आदेश दिए जाने की प्रार्थना की गई। मामले की प्रारम्भिक सुनवाई पश्चात न्यायाधीश सुनील बेनीवाल की एकलपीठ ने रिट याचिका की अगली सुनवाई सात जुलाई को नियत करते हुए विज्ञप्ति नंबर 1/2024 दिनांक 10 दिसंबर 2024 के अनुसरण में यदि कोई नियुक्तियां की जाती है तो उसे इस रिट याचिका के निर्णयाधीन रोके जाने के अंतरिम आदेश दिए।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश