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ऊना, 13 जून (हि.स.)। हिमाचल की बेशकीमती वन संपदा की पंजाब को तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है। वीरवार रात्रि भी वन विभाग की टीम ने एक गुप्त सूचना के आधार पर पंजाब ले जाई जा रही प्रतिबंधित प्रजाति की लकड़ी से लदे एक ट्रक सहित दस वाहनों को पकड़ने में सफलता हासिल की है। वन विभाग की टीम ने सभी वाहनों को लकड़ी सहित जब्त कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
बेशक प्रदेश में कई प्रजातियों के पेड़ों के कटान पर पूर्ण प्रतिबंध है लेकिन वन माफिया अपने कृत्यों को अंजाम देने से बाज नहीं आ रहा है। वन परिक्षेत्र अधिकारी राहुल ठाकुर को गुप्त सूचना मिली थी कि कांगड़ा व हमीरपुर जिलों से प्रतिबंधित प्रजाति के पेड़ों की लकड़ी से लदे वाहन होशियारपुर के लिए जा रहे हैं। इसी इनपुट के आधार पर वन परिक्षेत्र अधिकारी राहुल ठाकुर ने अपनी टीम सहित आशादेवी-अंबोटा सड़क मार्ग पर नाका लगा लिया। रात्रि करीब साढ़े दस बजे तिरपाल से ढके वाहन आना शुरू हो गए। तिरपाल भी इस तरह से वाहनों पर डाली गई थी कि कोई देखकर यह न बता सके कि इन वाहनों में लकड़ी ले जाई जा रही है। जब शक के आधार पर इन वाहनों को रोककर तलाशी ली गई तो इनमें प्रतिबंधित प्रजाति के पेड़ों की लकड़ी पाई गई। करीब एक घंटा चले इस अभियान में एक ट्रक सहित नौ छोटे वाहन पकड़े गए हैं। इनमें से किसी भी वाहन का चालक लकड़ी संबंधी वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाया। मजेदार बात यह थी कि हमीरपुर व कांगड़ा जिले से आए इन वाहनों की किसी ने रास्ते में जांच तक नहीं की जबकि ये वाहन कई पुलिस थानों की सीमाएं व वन विभाग के कई वन खंडों को क्रास कर पंजाब की सीमा तक आसानी से पहुंच गए। अगर वन विभाग ने यहां तत्परता न दिखाई होती तो कुछ ही सेकेंड में ये पंजाब की सीमा में प्रवेश भी कर जाते। वन परिक्षेत्र अधिकारी राहुल ठाकुर की अगुवाई में एक घंटा चले इस अभियान में दस वाहन पकड़े गए हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / विकास कौंडल