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धर्मशाला, 13 जून (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के निदेशक मंडल की बैठक शुक्रवार को बोर्ड मुख्यालय धर्मशाला में आयोजित गई। बैठक की अध्यक्षता बोर्ड अध्यक्ष हेमराज बैरवा ने की, जिसमें विभिन्न सदस्यों और प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। निदेशक मंडल ने हिमाचल प्रदेश के सभी स्कूली छात्रों को नैतिक शिक्षा पढ़ाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। यह नई पुस्तक तीसरी कक्षा से लेकर नौवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए आने वाले सत्र में शुरू की जा सकती है। यह पहल छात्रों में नैतिक मूल्यों और अच्छे संस्कारों के विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके अलावा हिमाचल के इतिहास और संस्कृति का शिक्षण भी विद्यार्थियों को दिया जाएगा।
बोर्ड ने हिमाचल के समृद्ध इतिहास और संस्कृति को छात्रों को पढ़ाने का भी निर्णय लिया है। यह विषय पांचवीं से नौवीं कक्षा तक के छात्रों को पढ़ाया जाएगा। इस कदम से छात्रों को अपनी जड़ों से जुड़ने और प्रदेश की गौरवशाली विरासत को समझने में मदद मिलेगी। निदेशक मंडल ने पूर्व में लिए गए कुछ महत्पूर्ण निर्णयों पर भी अपनी सहमति जताते हुए अपनी मंजूरी दी, जिससे छात्रों को विभिन्न सुविधाएं मिल सकेंगी।
बैठक में हेमराज बैरवा, अध्यक्ष, स्कूल शिक्षा बोर्ड, डा (मेजर) विशाल शर्मा, सचिव स्कूल शिक्षा बोर्ड, अक्षय सूद, निदेशक, तकनीकी शिक्षा, नवीन कुमार, डा. अनिल ठाकुर, कृति रोहटा, केवल राम, रविकांत, डा. बलजीत सिंह पटियाल, डा. राम लाल शर्मा, तथा विशेष सचिव, वित्त विभाग (ऑनलाइन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े) इसके अलावा अन्य सदस्य और प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि भी शामिल रहे। बैठक में छात्र हित और बोर्ड के कर्मचारी हित से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई। ये निर्णय हिमाचल प्रदेश में स्कूली शिक्षा के स्तर को उन्नत करने और छात्रों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया