शहद प्रोसेसिंग कार्यों से जुड़ी महिलाओं के कार्यों को प्रशासन देगा नई दिशा : उपायुक्‍त
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पूर्वी सिंहभूम, 12 जून (हि.स.)। पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर)। उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने गुरुवार को बोड़ाम प्रखंड के जिला परिषद भवन (डाक बंगला) परिसर में जमीन पर बैठकर पहाड़िया, सबर और खड़िया समुदाय से संवाद किया। इस अवसर पर उन्होंने वन धन विकास केंद्र के तहत शहद प्रोसेसिंग कार्यों से जुड़ी महिलाओं और उनके परिवारों की आजीविका, मार्केटिंग की चुनौतियों और सरकारी योजनाओं की पहुंच को लेकर विस्तार से चर्चा की।

उपायुक्त ने कहा कि उनका उद्देश्य इन समुदायों से सीधे मिलकर उनकी पारंपरिक दक्षता और आजीविका से जुड़े प्रयासों को समझना और उन्हें नई दिशा देना है। उन्होंने कहा कि शहद प्रोसेसिंग एक बड़ा संभावना वाला कार्य है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि इन मेहनती महिलाओं को उनके उत्पादों के लिए उचित और स्थायी बाजार मिले ताकि उनकी आमदनी में इजाफा हो सके।

उपायुक्त ने यह भी कहा कि बोड़ाम जैसे आदिवासी बहुल इलाकों में केवल शहद ही नहीं, बल्कि अन्य कई पारंपरिक आजीविका आधारित कार्य हो रहे हैं जिन्हें संस्थागत समर्थन देकर आगे बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में कहीं कोई कमी है तो उसे चिन्हित कर तत्काल सुधार किया जाएगा।

उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि आदिम जनजातीय समुदायों की पारंपरिक दक्षताओं और संसाधनों के अनुरूप योजनाएं बनाकर उन्हें प्रशिक्षण, संसाधन और बाजार उपलब्ध कराएं। उपायुक्त ने कहा कि जब कोई नया उत्पाद बाजार में आता है तो शुरुआती समय में मार्केटिंग सबसे बड़ी चुनौती होती है। ऐसे में प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह इन उत्पादों को व्यापक बाजार तक पहुंचाए और उन्हें पहचान दिलाए।

संवाद कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान, धालभूम की अनुमंडल पदाधिकारी शताब्दी मजूमदार, प्रखंड विकास पदाधिकारी किकू महतो, अंचलाधिकारी रंजीत रंजन, जेएसएलपीएस के जिला परियोजना प्रबंधक सुजीत बारी सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक