शॉर्टकट से नहीं, संघर्ष से मिलती है सफलता : योगी आदित्यनाथ
कार्यक्रम में बोलते मुख्यमंत्री


- एक मीडिया समूह के मेधावी छात्र सम्मान समारोह में शामिल हुए सीएम योगी

लखनऊ, 12 जून (हि. स.)। मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने गुरुवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में एक मीडिया समूह द्वारा आयोजित मेधावी छात्र सम्मान समारोह में शिरकत की। इस अवसर पर यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के टॉप थ्री छात्र-छात्राओं को ई-स्कूटर, संस्कृत बोर्ड के टॉपर्स को मोबाइल फोन और विपन्न परिस्थितियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले मेधावियों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय यूपी में शासन करने वाली एक पार्टी ने नकल को जन्मसिद्ध अधिकार बना दिया था, जिसके कारण प्रदेश की छवि खराब हुई और युवाओं के सामने पहचान का संकट खड़ा हो गया था। उन्होंने बताया कि पिछले 8 वर्ष में नकल-मुक्त परीक्षाओं के जरिए यूपी की शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी बनाया गया है।

यूपी के नौजवानों के सामने पहचान का संकट खड़ा हो गया था

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि एक समय प्रदेश में कल्याण सिंह मुख्यमंत्री थे और राजनाथ सिंह शिक्षा मंत्री थे, इन्होंने नकल पर रोक लगाने का कठोर प्रयास किया था। तब एक पार्टी थी जिसने नकल कराने की सार्वजनिक घोषणा की थी। नकल को जन्मसिद्ध अधिकार बताया था। इसका परिणाम यह हुआ कि यूपी के नौजवानों के सामने पहचान का संकट खड़ा हो गया। इससे पूरे यूपी को गुजरना पड़ा। जो यूपी आजादी के वक्त देश की अर्थव्यस्था में बड़ा रोल अदा करता था, उसे बीमारू राज्य घोषित कर दिया गया। लोग मानने लगे थे कि यूपी देश के विकास में एक बैरियर है। यूपी का नौजवान कहीं जाता था तो लोग उसे हेय दृष्टि से देखते थे। मगर, पिछले 10 साल में बदलते हुए भारत को आपने देखा है। मोदी जी के नेतृत्व में एक भारत-श्रेष्ठ भारत का हम सब दर्शन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि शासन को सेवा बताते हुए कहा कि सरकार का मतलब मालिक या राजा नहीं, बल्कि आम जनमानस का सहभागी बताया।

शॉर्टकट कभी स्थायी सफलता नहीं दिला सकता

योगी ने मेधावियों को बधाई देते हुए कहा कि जीवन में शॉर्टकट कभी स्थायी सफलता नहीं दिला सकता। उन्होंने बाराबंकी के एक छात्र का उदाहरण दिया, जिसने विपन्नता के बावजूद हाईस्कूल में प्रथम श्रेणी प्राप्त की और अपने गांव का पहला ऐसा बच्चा बना, जिसने हाईस्कूल की परीक्षा पास की। उन्होंने बच्चों को स्मार्टफोन के सीमित उपयोग की सलाह दी, ताकि यह उनकी आंखों और सोचने-समझने की शक्ति को प्रभावित न करे। उन्होंने कहा कि यह उपकरण ज्ञान प्राप्ति का माध्यम होना चाहिए, न कि बाधा।

इन मेधावियों का हुआ सम्मान

कार्यक्रम में हाईस्कूल के प्रथम स्थान प्राप्त यश प्रताप सिंह, द्वितीय स्थान की आंशी और अभिषेक कुमार यादव, तृतीय स्थान की रितु गर्ग, अर्पित वर्मा और सिमरन गुप्ता को सम्मानित किया गया। इंटरमीडिएट में प्रथम स्थान पाने वाली महक जायसवाल, द्वितीय स्थान पर रही साक्षी, शिवानी सिंह, अनुष्का सिंह, आदर्श यादव और तृतीय स्थान प्राप्त मोहिनी को मेडल, प्रशस्ति पत्र और ई-स्कूटर की चाबी दी गई। इसके साथ ही विपन्नता के बावजूद उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अनीता यादव, अंशी श्रीवास्तव, श्रेयांश, राजकपूर, हर्षित, मयंक सिंह, सलोनी, आशीष श्रीवास्तव, दीपिका शर्मा और निहारिका को 50-50 हजार रुपये का चेक प्रदान किया गया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री राकेश सचान, राज्यमंत्री कुंवर मयंकेश्वर शरण सिंह, संजय गंगवार, वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिपाठी, छात्र-छात्राएं, अभिभावक और शिक्षक उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप शुक्ला