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भोपाल, 11 जून (हि.स.)। खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए आज रात बेहद खास होने जा रही है। इस दौरान आसमान में एक अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। ज्योष्ठ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के अवसर पर दुर्लभ खगोलीय घटना होगी, जिसमें आप आसमान में स्ट्राबेरी मून को चांदनी बिखेरते हुए देखेंगे।
नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने इस खगोलीय घटना पर कहा कि आज शाम पश्चिम में सूर्य के ढलते ही पूर्वी आकाश में पूर्णिमा का चंद्रमा उदित होगा। इसे स्ट्राबेरी मून नाम दिया गया है, जो कि पश्चिमी देशों में इस समय पकने वाली जंगली स्ट्राबेरी के कारण रखा गया है। पूर्णिमा की ठीक खगोलीय स्थिति दोपहर एक बजकर 13 मिनट पर होगी। उस समय भारत में दिन होगा।
सारिका ने बताया कि कुछ देशों में इसे हॉट मून, रोज मून, मीड मून कहा जाता है। सूर्यास्त के बाद आप इसे पूर्व दिशा में उदित होता हुआ देख पाएंगे, जो कि मध्यरात्रि में आपके सिर के ऊपर आकर गुरुवार को सुबह सवेरे पश्चिम में अस्त हो जाएगा। इस पूर्णिमा पर चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी चार लाख किलोमीटर से अधिक होने के कारण यह अपेक्षाकृत छोटा ही दिखेगा।
उन्होंने बताया कि पूर्णिमा के चांद का महीने के बदलने और मौसम की जानकारी का समय बताने आकाशीय घड़ी के रूप में उपयोग किया जाता रहा है। लगभग हर 20 साल में स्ट्राबेरी मून और समर सोलिस्टस की घटना एक साथ होती है। अगले साल स्ट्राबेरी मून 30 जून 2026 को होगा।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर