गोविंदपुरी थाने में तैनात एएसआई रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार
पुलिस का लोगो


नई दिल्ली, 11 जून (हि.स.)। दिल्ली पुलिस की विजिलेंस यूनिट ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए गोविंदपुरी थाने में तैनात सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) सुशील शर्मा को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। उनके साथ ही एक निजी व्यक्ति (चाय वाले) को भी पकड़ा है, जो उनके लिए रिश्वत की राशि ले रहा था।

पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता परिवार के साथ गोविंदपुरी इलाके में रहता है और दैनिक मजदूरी करता है। पीड़ित ने विजिलेंस यूनिट को दी गई शिकायत में बताया कि एक पारिवारिक झगड़े और मारपीट के मामले में उसके परिवार के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इस केस की जांच एएसआई सुशील शर्मा कर रहे थे।

शिकायत के अनुसार, आरोपित एएसआई ने केस से नाम हटाने के बदले 10 हजार रुपये की मांग की थी। पीड़ित ने पहले ही पांच हजार रुपये दे दिए थे और अब बचे हुए पांच हजार देने का दबाव डाला जा रहा था। इस पर परेशान होकर शिकायतकर्ता ने दिल्ली पुलिस की विजिलेंस यूनिट से संपर्क किया।

मामले काे गंभीरता से लेते हुए एसीपी की देखरेख में एक विशेष टीम का गठन किया गया। इधर एएसआई सुशील ने शिकायतकर्ता को बताया कि शेष पांच हजार रुपये वह एक चायवाले को पुलिस स्टेशन के बाहर दे दे। विजिलेंस टीम की सतर्क निगरानी में जैसे ही चायवाले ने रिश्वत की रकम ली और उसे पुलिस स्टेशन के अंदर एएसआई सुशील शर्मा को सौंपा, टीम ने तुरंत दोनों को धर दबोचा।

एएसआई सुशील के पास से रिश्वत की राशि बरामद की गई। सभी कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट और भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत पुलिस स्टेशन विजिलेंस में केस दर्ज किया गया।

जांच में पता चला है कि एएसआई सुशील शर्मा 1990 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुआ था और पिछले दो वर्षों से थाना गोविंदपुरी में तैनात थे। दोनों आरोपितों को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। मामले में आगे की जांच जारी है।

दिल्ली पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि यदि किसी पुलिसकर्मी द्वारा अधिकारों का दुरुपयोग या रिश्वत मांगने की शिकायत हो, तो विजिलेंस हेल्पलाइन नंबर 1064, 011-23417995 या व्हाट्सएप नंबर 9910641064 पर संपर्क करें।

शिकायतकर्ता की पहचान को पूरी तरह गोपनीय रखा जाएगा। नागरिक चाहे वे केस के पीड़ित हों या आरोपित, न्यायपूर्ण और निष्पक्ष व्यवहार के अधिकार रखते हैं। कानून के दुरुपयोग की स्थिति में तुरंत विजिलेंस यूनिट को सूचित करें।

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हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी